अमेरिका का भारत सबसे बड़ा व्यापारिक व अपरिहार्य साझेदार : येलेन

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US Treasury Secretary Janet Yellen
अमेरिका का भारत सबसे बड़ा व्यापारिक व अपरिहार्य साझेदार : येलेन

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली, (US Treasury Secretary Janet Yellen): अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट एल येलेन ने भारत को अपने देश का सबसे बड़ा व्यापारिक व अपरिहार्य साझेदार बताया है। उन्होंने कहा, हम आपूर्ति शृंखलाओं के लचीलेपन को मजबूत करने के मकसद से ‘फ्रेंडशोरिंग’ (दोस्ताना संबंध) के नजरिए से आगे बढ़ेंगे। बेंगलुरु में जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स की बैठक से अलग अमेरिका और भारत के प्रौद्योगिकी उद्योगपतियों के साथ राउंडटेबल बैठक को संबोधित करते हुए येलेन ने ये बातें कहीं।

  • जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स की बैठक के इतर हुई बैठक
  • येलेन ने प्रौद्योगिकी उद्योगपतियों के साथ राउंडटेबल बैठक को संबोधित किया 

राष्ट्रपति बाइडेन भी मानते हैं साझेदार की बात

बैठक में इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि, आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल, इंटेल इंडिया की कंट्री हेड निवरुति राय, फॉक्सकॉन इंडिया के कंट्री हेड जोश फाउलगर और विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी समेत आईटी सेक्टर के दिग्गजों ने हिस्सा लिया। अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा, राष्ट्रपति बाइडेन मानते हैं कि अमेरिका का भारत सबसे बड़ा व्यापारिक व अपरिहार्य साझेदार है।

2021 में द्विपक्षीय व्यापार 150 अरब डॉलर से अधिक का रहा

उन्होंने कहा, 2021 में हमारा द्विपक्षीय व्यापार 150 अरब डॉलर से अधिक का रहा। येलेन ने बताया कि दो लाख भारतीय अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं और हमारे स्कूलों व विश्वविद्यालयों को वे समृद्ध कर रहे हैं। हम दैनिक आधार पर एक-दूसरे पर निर्भर हैं। येलेन ने कहा, भारतीय संवाद करने के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और कई अमेरिकी कंपनियां अपने संचालन के लिए इंफोसिस पर निर्भर हैं।

प्रौद्योगिकी क्षेत्र में  संबंधों को गहरा करने के लिए उत्सुक

येलेन ने कहा, हम भविष्य की ओर देख रहे हैं और मैं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अपने संबंधों को गहरा करने के लिए उत्सुक हूं। संयुक्त राज्य अमेरिका आपूर्ति शृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए ‘फ्रेंडशोरिंग’ नामक एक दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहा है। येलेन ने कहा, हम भारत सहित अपने कई विश्वसनीय व्यापारिक भागीदारों के साथ एकीकरण को मजबूत करके ऐसा कर रहे हैं। मिसाल के तौर पर एप्पल और गूगल जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों ने भारत में अपने फोन उत्पादन का विस्तार किया है।

डिजिटल प्रौद्योगिकियों में निवेश कर रहा यूएस

जेनेट एल येलेन ने कहा कि वैश्विक बुनियादी ढांचा और निवेश साझेदारी (पीजीआई) के जरिए अमेरिका डिजिटल प्रौद्योगिकियों में निवेश कर रहा है जो भारत में समावेशी और लचीली वृद्धि को गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, अमेरिका का लक्ष्य पीजीआई के लिए 2027 तक 200 अरब डॉलर जुटाना है और भविष्य में निवेश जारी रखने के लिए भारत के साथ साझेदारी करने की उम्मीद है।

अमेरिका में स्थानीयकरण पर फोकस : नीलेकणि

इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने बैठक में कहा कि कंपनी ने पिछले कुछ साल में अमेरिका के छह अलग-अलग राज्यों में नए केंद्र खोले हैं और पिछले छह साल में वहां 25,000 कर्मचारियों को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा, हमने अमेरिका में स्थानीयकरण पर काफी ध्यान केंद्रित किया है। कुल वैश्विक कार्यबल 3,30,000 है। हमने इंडियानापोलिस में 160,000 वर्ग फुट का विश्व स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र बनाया है। हमने इस साल 7,000 नए स्नातकों को नियुक्त किया। हमारा उद्देश्य सामुदायिक कॉलेजों सहित युवा, प्रतिभाशाली लोगों को चुनना और उनके प्रशिक्षण में निवेश करना है।

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