हरियाणा में जीरो ड्रॉप आऊट नीति पर किया जा रहा काम, अगले वर्ष तक नहीं रहेगा एक भी बच्चा स्कूल से बाहर : शिक्षा मंत्री कंवरपाल

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Work is being done on zero drop out policy in Haryana-Education Minister Kavarpal
Work is being done on zero drop out policy in Haryana-Education Minister Kavarpal
  • हरियाणा में अगले वर्ष तक खुलेंगे 270 नए पीएम-श्री स्कूल : शिक्षा मंत्री
प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
शिक्षा मंत्री कवरपाल ने कहा कि प्रदेश में हर बच्चे को शिक्षा के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने के लिए जीरो ड्रॉप आउट की नीति पर काम किया जा रहा है ताकि अगले वर्ष तक प्रदेश में कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर ना रहें। इसके लिए 6 से 18 वर्ष आयु के करीब 48 लाख बच्चों के शिक्षा के स्टेटस को जानने के लिए ट्रैक किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने यमुनानगर स्थित अपने निवास पर एक जारी बातचीत में बताया कि हरियाणा में 2025 तक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होगी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना के बारे में बताया कि इस योजना से अगले वर्ष तक प्रदेश के सभी 135 खण्डों में दो-दो अर्थात कुल 270 पीएम-श्री स्कूल खोले जाएंगे। हर खण्ड में यह मॉडल स्कूल होंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार इन स्कूलों में बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि बच्चों को संस्कार के साथ शिक्षा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है। जिसे देश भर में 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया लेकिन हरियाणा में इसे 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।

सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को दिए साढ़े पांच लाख टेबलेट

उन्होंने 21वीं सदी की शिक्षा प्रणाली का जिक्र करते हुए बताया कि समय के साथ चीजें बदलती है। हरियाणा में फाइव एस यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन व स्वाभिमान के साथ-साथ सुशासन को भी जोड़ा गया। जिसके बीते आठ वर्ष से अधिक समय में सकारात्मक परिणाम निकले। देश में पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों को टैक्नोलॉजी से जोडऩे के लिए दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों को साढ़े पांच लाख टेबलेट वितरित किए गए। वहीं हरियाणा के सरकारी स्कूलों में आज स्मार्ट क्लास रूम से शिक्षा दी जा रही है।

क्लस्टर योजना में पढ़ाई के साथ स्किल डेवलपमेंट पर भी दिया जाएगा ध्यान

उन्होंने हरियाणा में शिक्षा के तंत्र को विकसित बनाने के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण कलस्टर योजना का जिक्र करते हुए बताया कि प्रदेश के हर चार-पांच गांवों का एक क्लस्टर बनाया गया है। जिसमें एक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ऐसा होगा जहां तीनों संकाय-कला, विज्ञान व वाणिज्य की पढ़ाई के साथ स्वरोजगार के लिए बच्चों के कौशल को भी विकसित किया जाएगा। इसी तरह छात्राओं के शिक्षण संस्थानों तक आवागमन को सुरक्षित बनाने के लिए छापसु (छात्रा परिवहन सुरक्षा) योजना के तहत 150 नई बसें भी खरीदी गई है और हर संस्थान में छात्राओं के परिवहन के लिए एक-एक नोडल अधिकारी भी लगाया गया।
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