WMO Asia Climate-2023 Report: भारत सहित एशियाई देशों में आपदाओं का सबसे ज्यादा खतरा

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WMO Asia Climate-2023 Report
भारत सहित एशियाई देशों में आपदाओं का सबसे ज्यादा खतरा।

Aaj Samaj (आज समाज), WMO Asia Climate-2023 Report, नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन के चलते पूरी दुनिया में साल-साल-दर बाढ़, सूखा, तूफान जैसी आपदाओं का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है और ऐसे संकट से भारत समेत एशियाई देश सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा एशिया की जलवायु-2023 नाम से जारी की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इसमें कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर एशियाई देशों पर पड़ रहा है और इसी वजह से 2023 में एशिया, दुनिया में सबसे ज्यादा आपदाओं से प्रभावित इलाका रहा। बाढ़ और चक्रवाती तूफान के चलते बीते वर्ष एशिया में बड़े पैमाने पर लोगों की जान गईं और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

  • पिछले साल एशिया में 2000 लोगों की मौत

जलीय-मौसम संबंधी 79 आपदाएं आईं

डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट के मुताबिक कि उत्तर पश्चिमी प्रशांत महासागर के पानी का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहा है। यहां तक कि आर्कटिक क्षेत्र में भी समुद्री गर्म हवाएं चल रही हैं। डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते साल एशिया में जलीय-मौसम संबंधी 79 आपदाएं आईं, जिनमें 80 फीसदी आपदाएं बाढ़ व तूफान से जुड़ीं थी। इनके चलते बीते साल एशिया में दो हजार से ज्यादा लोगों की जान गई और 90 लाख लोग प्रभावित हुए। बीते साल भारत में मानसून के समय में भी कम बारिश हुई। जून, जुलाई और अगस्त में भारत, पाकिस्तान और नेपाल में कई जगहों पर बाढ़ और तूफान आए, जिनमें 600 से ज्यादा मौत दर्ज की गईं।

रिकॉर्ड स्तर पर गर्म रहा 2023 : साउलो

डब्ल्यूएमओ के महासचिव केलेस्टे साउलो ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से एशिया में आपदा आने की रफ्तार कई गुना बढ़ गई है और जिसका असर हमारे समाज पर आर्थिक नुकसान, मानव जीवन के नुकसान और पर्यावरण पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि साल 2023 एशिया के कई देशों में रिकॉर्ड स्तर पर गर्म रहा। इसके साथ ही बाढ़, सूखा, तूफान और गर्म हवाओं का अस क्षेत्र में देखने को मिला।

भारत मेें अप्रैल से जून के बीच लू ने ली 110 लोगों जान

भारत में अप्रैल से जून के बीच भयंकर लू चली, जिसके चलते 110 लोगों की मौत हुई। अप्रैल से मई के बीच दक्षिण पूर्वी एशिया लू से प्रभावित रहा, जिसका असर बांग्लादेश, पूर्वी भारत और चीन के उत्तरी और दक्षिणी इलाके शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते तुरान तराई के इलाके (तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान), हिंदुकुश का इलाका (अफगानिस्तान, पाकिस्तान), हिमालय क्षेत्र में गंगा और ब्रहमपुत्र का निचला इलाका (भारत, बांग्लादेश), अराकांस पर्वत (म्यांमार) और मेकॉन्ग नदी के निचले इलाकों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई।

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