Vande Mataram Completes 150 Years, (आज समाज), नई दिल्ली: राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के आज 150 वर्ष पूरे हो गए और इस उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम (Indira Gandhi Indoor Stadium) में साल भर चलने वाले स्मरणोत्सव का उद्घाटन किया। पीएम ने इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।

गौरव और एकता का अलख जगाता रहा है ‘वंदे मातरम’

पीएम मोदी इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में ‘वंदे मातरम’ के पूर्ण संस्करण के सामूहिक गायन में भी शामिल हुए। ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक यानी एक वर्ष तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव का औपचारिक शुभारंभ है। यह इस कालातीत रचना के 150 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाएगा जिसने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया और राष्ट्रीय गौरव व एकता का यह हमेशा अलख जगाता रहा है।

बंकिमचंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को लिखा राष्ट्रीय गीत

बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम अक्षय नवमी के शुभ अवसर पर, जो 7 नवंबर 1875 को था, लिखा गया था। यह राष्ट्रीय गीत पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में उनके उपन्यास आनंदमठ के एक भाग के रूप में प्रकाशित हुआ था। वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में समारोह आयोजित किए जाएंगे।

देशव्यापी समारोहों को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अक्टूबर को ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर देशव्यापी समारोहों को मंजूरी दी ताकि एक प्रभावशाली आंदोलन को बढ़ावा दिया जा सके जो नागरिकों, विशेषकर हमारे युवाओं और छात्रों को इस गीत की मौलिक, क्रांतिकारी भावना से जोड़े। ये समारोह इस शाश्वत संदेश का सम्मान करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसकी विरासत का पूरी तरह से सम्मान किया जाए और यह भावी पीढ़ियों के दिलों में समाहित हो।

‘वंदे मातरम’ राष्ट्र के प्रति समर्पण का स्थायी प्रतीक

मातृभूमि को शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक बताते हुए ‘वंदे मातरम’ गीत ने भारत की एकता और स्वाभिमान की जागृत भावना को काव्यात्मक अभिव्यक्ति दी। यह जल्द ही राष्ट्र के प्रति समर्पण का एक स्थायी प्रतीक बन गया। भाजपा ने दो प्रमुख सांस्कृतिक मील के पत्थर,: वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ और आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रव्यापी समारोहों की एक व्यापक योजना की रूपरेखा तैयार की है।

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