UtterPardesh News : शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रमों को सुदृढ़ व गुणवत्तापूर्ण बनाने पर मंथन

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Discussion on strengthening and making quality family welfare programmes in urban areas
  •  स्वास्थ्य विभाग व द चैलेंज इनिशिएटिव-पीएसआई इंडिया के सहयोग से बैठक आयोजित
  •  निजी अस्पतालों की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने लिया भाग

(UtterPardesh News) नोएडा। गौतमबुध्दनगर जनपद में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयास से शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रमों को और सुदृढ़ व गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में द चैलेंज इनिशिएटिव (टीसीआई) व पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) के सहयोग से बैठक आयोजित की गयी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रमों में निजी अस्पतालों और निजी चिकित्सकों की अहम भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में जनपद के 22 निजी अस्पतालों से 12 प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ और 14 अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में यह एक सराहनीय पहल है। समय-समय पर बैठक आयोजित कर निजी क्षेत्र को इस पहल से मजबूती से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन (बास्केट ऑफ़ च्वाइस) से सम्बन्धित आईईसी सामग्री (पोस्टर-बैनर) को निजी चिकित्सालयों में निर्धारित स्तर पर प्रदर्शित किया जाए और काउंसिलिंग के दौरान उनका इस्तेमाल किया जाए। परिवार कल्याण सेवाओं को हेल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पोर्टल पर हर महीने निश्चित रूप से अपलोड कराना सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में महाप्रबन्धक (निजी क्षेत्र) नवीन बंसल और पीएसआई इंडिया की कार्यक्रम प्रबन्धक कोमल ने प्रसव पश्चात परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि निजी अस्पतालों के उच्च प्रभावी हस्तक्षेप, प्रसवोत्तर परिवार नियोजन सेवाओं से जोड़ने, क्षमता निर्माण और आंकड़ों के संग्रह पर जोर दिया जाए ताकि योजनाओं के निर्माण में उनका सही इस्तेमाल किया जा सके। इस साल के अप्रैल से अगस्त के दौरान के एचएमआईएस आंकड़े के बारे में भी जानकारी दी।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस) चार और पांच के आंकड़ों पर तुलनात्मक चर्चा भी हुई। एडिशनल रिसर्च आफिसर (एआरओ) भास्कर ने संस्थागत प्रसव, बीसीजी टीकाकरण, पेंटा और एमआर की एचएमआईएस की रिपोर्टिंग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एचएमआईएस पोर्टल पर आंकड़े डालने से पहले उनका सत्यापन अवश्य किया जाए। बच्चों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की मानिटरिंग के लिए यूविन पोर्टल के बारे में भी बताया।

बैठक में नियमित टीकाकरण और कुष्ठ रोग के नोडल अधिकारी डॉ. ओबैद कुरैशी ने शून्य से पांच वर्ष के बच्चों के सम्पूर्ण टीकाकरण एवं ट्रैकिंग सिस्टम पर चर्चा की। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. ललित ने प्रतिभागियों को सभी स्वास्थ्य सेवाओं के संकेतकों, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन सेवाओं विशेष रूप से प्रसवोत्तर और गर्भपात के बाद, मातृ स्वास्थ्य आदि की नियमित रिपोर्टिंग एचएमआईएस पोर्टल पर जरूर करने की सलाह दी। बैठक में सहयोगी संस्थाओं डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ व यूएनडीपी के प्रतिनिधि और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी और एचएमआईएस आपरेटर उपस्थित रहे।

 

 

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