Utterkatha: Defense Expo like Kohinoor for U.P: उत्तरकथा : यूपी के लिए कोहिनूर जैसा डिफेंस एक्सपो 

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कुल 50000 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश, पांच लाख रोजगार, 23 निवेश के करार और पूरब से लेकर पश्चिम तक रक्षा उत्पादन इकाइयां. विशेषज्ञों का मानना है कि रक्षा उत्पादन का यह महाकुंभ भारत की सामरिक शक्ति की दुनिया मे नई पहचान दिलाने का आधार स्थल साबित हो सकता है ।
योगी आदित्यनाथ एक ऐसे कुशल धावक के तौर पर सामने आए हैं जो हर दौड़ खत्म करने के बाद अपनी फिनिश लाइन को उठाकर आगे रख देता है ताकि अगला लक्ष्य और भी ज्यादा बड़ा हो।
पिछले हफ्ते खत्म हुए डिफेंस एक्सपो के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इतनी बड़ी लकीर खींच दी है जिसे छोटा करना शायद आने वाले दशकों तक संभव न हो सके। हालांकि डिफेंस एक्सपो योगी की उपलब्धियों के खाते में अकेला नही है। किसानों की कर्जमाफी से लगभग तीन साल पहले शुरु हुआ ये सिलसिला अयोध्या दीपोत्सव, इन्वेस्टर्स समिट, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गंगा, गोरखपुर एक्सप्रेस वे, मेट्रो परियोजनाओं, ओडीओपी, गंगा यात्रा से होता हुआ डिफेंस एक्सपो तक पहुंचा है। दूरियां अभी और भी तय होंगी और लक्ष्य भी नए हासिल होंगे।
रविवार को योगी सरकार में उत्तर प्रदेश में पहली बार आयोजित हुआ डिफेन्स एक्सपो जनता और उसकी चुनी हुई सरकार दोनों को खुश कर अलविदा हुआ। सेना पर गर्व करने वाली जनता को हथियारों के साथ सेना के जवानों के  लाईव प्रदर्शन को करीब से देखने का मौका मिला। तो सरकार भी आयोजन के सफल होने व उम्मीद से भी दुगुना निवेश मिलने से उत्साहित रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब इन्वेस्टर्स समिट और डिफेन्स एक्सपो जैसे आयोजनों से यूपी की क्षमता पर सवाल नहीं तो रक्षामंत्री राजनाथ ने यूपी का मतलब “अनलिमिटेड पोटेंशियल” बताया है । एक्सपो में 70 देशों की रक्षा उपकरण बनाने वालीं 172 और भारत की 857 कंपनियों ने हिस्सा लिया।
 देश भर में रक्षा क्षेत्र के लिए 200 एमओयू साइन हुए हैं जिससे राष्ट्र का रक्षातंत्र मजबूत तो होगा ही साथ  यह भविष्य के डिजिटल डिफेंस की आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा।
समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस एक्सपो के भव्य आयोजन ने जहाँ देश और दुनिया में यूपी की धारणा बदली है वहीं अब उसकी क्षमता पर किसी को सवाल नहीं खड़े करने चाहिए। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री के इस दावे में अतिशयोक्ति का भाव रंचमात्र नहीं है । लखनऊ में डिफेंस एक्सपो को अद्वितीय और अविस्मरणीय तरीके से आयोजित व सम्पन्न कर यूपी सरकार ने वाकई रक्षा क्षेत्र में निवेश जुटाने की बड़ी भूमिका तैयार की है। सीएम योगी ने एक्सपो से देश में करीब 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश होने और 3 लाख से ज्यादा युवाओं के लिए नौकरी व रोजगार के अवसर पैदा होने की बात भी कही है । हालांकि इस आयोजन के पूरा होने के बाद रोजगार के पांच लाख अवसर उत्पन्न होने की बात सामने आयी है। अगर यह स्थिति धरातल पर महसूस की जाती है तो गुजरे सालों में बेरोजगारी , मरणासन्न औद्योगिक वातावरण और अवस्थापना क्षेत्र में पिछड़ेपन के लिए बदनाम उत्तर प्रदेश तरक्की की नई डगर पर होगा । रक्षामंत्री राजनाथ  उत्तर प्रदेश की नई परिभाषा गढ़ते हैं। डिफेंस एक्सपो की कामयाबी से गदगद स्थानीय सांसद राजनाथ सिंह कहते हैं कि यूपी मतलब “अनलिमिटेड पोटेंशियल” और 11वें डिफेन्स एक्सपो में लगभग दुनिया के विभिन्न देशों से 3000 लोगों का आना बहुत बड़ी बात है। उनका कहना है कि  हमारा देश न सिर्फ रक्षा मामलों में आत्मनिर्भर होगा बल्कि निर्यात भी करेगा। इसमें इस एक्सपो का बड़ा योगदान होगा।
इससे पहले राजधानी लखनऊ में एशिया के सबसे बड़े डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा  कि लंबे समय से दुनिया में हथियारों का आयातक रहे भारत से अब निर्यात की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अब लक्ष्य है कि आने वाले पांच सालों में डिफेंस एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर यानि करीब 35 हज़ार करोड़ रुपए तक बढ़ाया जाए। वर्तमान सरकार ने रक्षा आयुध निर्माण के क्षेत्र में पहले के मुकाबले दोगुने लाइसेंस दिए हैं।  भारत का डिफ़ेंस एक्सपोर्ट जहां वर्ष 2014 में 2000 करोड़ था जो आज यह बढ़ कर 17000 करोड़ रुपये हो गया है । प्रधानमंत्री के मुताबिक दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी,  दुनिया की दूसरी बड़ी सेना और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, कब तक सिर्फ और सिर्फ आयात के भरोसे रह सकता था। हालत यह थी कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा आर्म्स इम्पोर्टर बन कर रह गया था। उन्होंने कहा कि आज  भारत का मंत्र है मेक इन इंडिया और ईच इन इंडिया। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने और आत्मनिर्भर होने के लिए यूजर और प्रोड्यूसर के बीच राष्ट्रीय रक्षा भागीदारी बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि ये अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है। मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा बढ़ेगी, वहीं डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।प्रधानमंत्री का मानना है कि उत्तर प्रदेश जल्द ही देश के सबसे बड़े डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर उभरेगा और बुंदेलखंड के रक्षा गलियारे से लखनऊ और कानपुर को भी जोड़ा जाएगा। वास्तव में देश  मे दो बड़े डिफ़ेंस कॉरिडोर  खोले जा रहे हैं जिसमे एक तमिलनाडु व दूसरा उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश के डिफ़ेंस कॉरिडोर के लिए केंद्र सरकार ने 3700 करोड़ रुपये दिया है। इस डिफ़ेंस कॉरिडोर से प्रदेश में रोजगार का सृजन होगा साथ ही अलीगढ़ मेरठ बुलंदशहर के शहरों का भी विकास हो सकेगा।
डिफेंस एक्सपो के खत्म होने के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और बड़ा एलान कर दिया है । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब बेरोजगार नौजवानों को हर महीने 2500 रुपये देगी। प्रदेश सरकार इसके लिए एक इंटर्नशिप योजना लाने जा रही है जिसके तहत युवाओं को हर महीने यह रकम मिलेगी। इस बार के प्रदेश के सालाना बजट में इसका प्रावधान किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी के मुताबिक इस साल प्रदेश सरकार  इंटर्नशिप की एक स्कीम लेकर आ रही है। इसके तहत 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन करने वाले नौजवानों को विभिन्न तकनीकी संस्थानों और उद्योगों से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत 6 महीने और साल भर की इंटर्नशिप करने वाले प्रत्येक नौजवान को मानदेय के तौर पर हर महीने 2500 रुपये दिया जाएगा। जिसमें 1500 रुपये केंद्र सरकार और 1000 रुपये प्रदेश सरकार देगी। इंटर्नशिप पूरी होने के बाद युवाओं के प्लेसमेंट की व्यवस्था भी सरकार करेगी। इसके लिए एक एचआर सेल भी बनाई जाएगी।
★ राज्यपाल के सामने सलूक का सवाल ?
दिल्ली विधानसभा के नतीजों के बाद कल से शुरू हुआ उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र काफी हंगामे भरा रहा और करीब-करीब सबकुछ वही हुआ जो निकट अतीत में होता आ रहा है । राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी विधानसभा मंडप से लेकर विधानमंडल के गलियारे तक वही मंजर देखा जो स्वर्गीय टीवी राजेस्वर, बीएल जोशी जैसे  आईपीएस पृष्ठभूमि वाले राज्यपालों  से लेकर खांटी सियासत से आए और रिटायर होने के बाद फिर सक्रिय भाजपाई बने राम नाईक ने यहां देखा है ।
 योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा की बड़े बहुमत वाले सत्ता पक्ष के सामने विपक्ष संख्या बल में तो बहुत कमजोर है लेकिन कई  राज्यों के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल की लगातार पराजय से उपजे सियासी हालात ने उसे आक्रामक होने का अवसर दे दिया है ।
कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार के खिलाफ सपा, बसपा और कांग्रेस पहले से विरोध के लिए तैयार थी और खूब बवाल किया।  गुरुवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के दोनों सदनों के समवेत सम्मेलन के संबोधित करने के पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक में सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलने में सहयोग देने का परंपरागत आग्रह किया था जिसे सियासी प्रतिनिधियों ने आदत के मुताबिक मान भी लिया था।  देखना दिलचस्प था कि एक महिला राज्यपाल के सामने कि विपक्ष का आचरण क्या होगा । लेकिन विपक्ष ने एक बार फिर आदत के मुताबिक फिर वही किया जो पहले करते रहे हैं । विधानसभा अध्यक्ष पहले भी इसे अशोभनीय और अनपेक्षित कहते रहे हैं और इस बार भी उनकी टिप्पणी ऐसी ही रही।
वास्तव में पिछले एक दशक से राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन की मर्यादा और अपेक्षित आचरण को तार तार करने की एक बेहूदा परंपरा से बन गई है । विपक्ष में चाहे सपा, बसपा और भाजपा हो राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कागज के गोले फेंकना और वेल ही नहीं, उनके आसन तक कूदने की कोशिश में हंगामा करना लगातार देखा गया है । यही वजह है कि सिर्फ राम नाईक को छोड़कर पिछले डेढ़ दशक में सभी राज्यपाल अभिभाषण की पहली और आखिरी पंक्ति पढ़कर चले जाते रहे हैं । विपक्ष कितना भी बवाल करे, वेल में कूदे, पीठ की ओर दौड़े, राम नाईक बिना रुके पूरा अभिभाषण पढ़ कर ही निकलते थे ।
एक राज्यपाल जो पूर्व आईपीएस अफसर थे, अब दुनिया में नहीं है, पहली बार अभिभाषण के लिए आए तो अपनी धर्मपत्नी को भी ले आए । सदन के भीतर राज्यपाल पर कागजी गोले और भारी बवाल को देखकर वे घबरा कर राज्यपाल दीर्घा से बाहर निकल गईं ।
(लेखक उत्तर प्रदेश प्रेस मान्यता समिति के अघ्यक्ष हैं।
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