Udhayanidhi Stalin: डीएमके नेता उदयनिधि को हाईकोर्ट से भी फटकार

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Udhayanidhi Stalin
डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन।

Aaj Samaj (आज समाज), Udhayanidhi Stalin, चेन्नई: सुप्रीम कोर्ट के बाद मद्रास हाई कोर्ट ने भी सनातन धर्म पर आपत्तिजनक बयान लेकर डीएमके नेता व तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को फटकार लगाई है। उच्च न्यायालय ने कहा, संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को राजनीतिक नेताओं में वैचारिक मतभेद होने के बावजूद जनता के बीच सार्वजनिक रूप से बांटने वाले नहीं बल्कि जोड़ने वाले बयान देने चाहिए।

सनातन धर्म की तुलना एचआईवी एड्स मलेरिया से करने का आरोप

कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा सनातन धर्म की तुलना एचआईवी एड्स मलेरिया से करना उचित नहीं कहा जा सकता है। अदालत ने हालांकि उदयनिधि को पद से हटाने के लिए आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने राज्य के कुछ और नेताओं के बयानों और सनातन को मिटाने के सम्मेलन में शामिल होने पर नाराजगी जताई है। इससे पहले सोमवार को सनातन धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि की खिंचाई की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था

शीर्ष अदालत ने कहा था कि आपने आर्टिकल 19 के तहत मिले अभिव्यक्ति के आजादी के अधिकार का दुरूपयोग किया है। धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन किया और अब आप आर्टिकल 32 के तहत कोर्ट का दखल चाहते हैं। कोर्ट ने डीएमके नेता से कहा था कि आप कोई सामान्य नागरिक नहीं है। आप एक मंत्री हैं, ये पता होना चाहिए कि आपके इस तरह के बयान का क्या असर होगा।

शीर्ष अदालत ने दिए थे हाई कोर्ट जाने के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा था, लेकिन उदयनिधि स्टालिन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें ऐसी सूरत में 6 अलग अलग हाई कोर्ट जाना होगा। ये दोषी साबित होने से पहले एक तरह से सजा देना होगा। इसके बाद में सुप्रीम कोर्ट उदयनिधि की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। उदयनिधि ने देश के विभिन्न हिस्सों मसलन यूपी, बेंगलुरु, पटना व जम्मू में दर्ज एफआईआर को एक जगह करने की मांग की है।

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