Two Women Became Drone Pilots : बरनाला जिले की दो महिलाएं बनीं ड्रोन पायलट, उपायुक्त ने दी शुभकामनाएं।

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बरनाला की ड्रोन महिला पायलट
बरनाला की ड्रोन महिला पायलट
  • खेतों में मेनुअल तरीके से नहीं अब ड्रोन करेंगे खादों व कीटनाशक दवाओं का छिड़काव, किसानों का होगा समय का बचाव।

Aaj Samaj (आज समाज), Two Women Became Drone Pilots, अखिलेश बंसल, बरनाला:
बरनाला जिले की दो महिलाएं ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेने के बाद ड्रोन को खेतों में इस्तेमाल किए जाने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि ड्रोन के माध्यम से नैनो-यूरिया जैसी खादों व दवाओं के छिड़काव में लगने वाले समय को कम करने के लिए पंजाब की 20 महिलाओं ने प्रशिक्षण हासिल किया है। उल्लेखनीय है कि इफको केंद्र प्रायोजित योजना के तहत प्रति लाभार्थी लगभग 15 लाख रुपये की लागत वाली मुफ्त ड्रोन इकाइयां प्रदान कर रहा है।

यह जानकारी उपायुक्त सुश्री पूनमदीप कौर ने बुधवार को ड्रोन पायलेट का प्रशिक्षण लेकर पहुंची बरनाला जिला के गांव असपाल कलां निवासी परनीत कौर और सेखा निवासी किरण पाल कौर को उनके प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि ने यह प्रशिक्षण लिया है और अब अपने नए काम के लिए तैयार हैं।

प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र हरियाणा में हुआ था प्रशिक्षण शिविर।

इफको द्वारा प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र मानेसर (हरियाणा) में 15 दिवसीय ड्रोन मास्टरी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था। जहां आत्मनिर्भर बनने के लिए बरनाला जिला की दो महिलाओं परनीत और किरण पाल कौर ने भी प्रशिक्षण हासिल किया था। यह महिलाएं अपने क्षेत्र के किसानों के खेतों में 200 से 250 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पैसा लेकर ड्रोन से नैनो-यूरिया जैसी खादों व दवाओं का छिड़काव करेंगी। ड्रोन खेतों में उर्वरक और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए शारीरिक श्रम को कम करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को काफी छिड़काव करना पड़ता है और इसमें लगभग पूरा दिन लग जाता है, लेकिन ड्रोन से मात्र सात मिनट में एक एकड़ का एरिया कवर हो सकेगा।

ड्रोन पायलटों की यह है जुबानीः

असपाल कलां की रहने वाली परनीत कौर ने कहा कि उनके पति दविंदर सिंह, जो खुद एक प्रगतिशील किसान हैं, ने उन्हें यह प्रशिक्षण लेने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे पहले वे किसान-उत्पादक संगठन (एफपीओ) से जुड़े हुए हैं।

·गांव सेखा की लाभार्थी किरण पाल कौर ने कहा कि वह अपने तीन महीने के बेटे के साथ प्रशिक्षण में गई थी जहां उसने ड्रोन उड़ाना सीखा और इस संबंध में पेपर भी पास किया। उनके परिवार के लिए गर्व की बात है कि उन्होंने ये काम सीखा और जल्द ही इससे जुड़ा बिजनेस शुरू करेंगे। ड्रोन 10 लीटर के टैंक के साथ आता है और कम यूरिया और कम से कम पानी की खपत करता है।

दोनों ड्रोन पायलट महिलाओं ने परनीत और किरण पाल कौर ने उपायुक्त सुश्री पूनमदीप कौर को आश्वासन दिया कि वह किसानों को आधुनिक तकनीकों का अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए लगन से काम करेंगे।

महिलाओं को कृषि कार्यों में सशक्त बनाना ही उद्देश्यः इफको

महिला लाभार्थियों का चयन करने के लिए, इफको ने ग्रांट थॉर्नटन इंडिया से संपर्क किया, जो पहले से ही लुधियाना, मोगा, बरनाला और रूपनगर जिलों में 27000 से अधिक महिलाओं के साथ काम कर रही है। ग्रांट थॉर्नटन इंडिया में सार्वजनिक क्षेत्र परामर्श के प्रबंधक मनप्रीत सिंह ने कहा कि उनके कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें सरकारी योजनाओं के लिए पात्र बनाना और उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करना है।

इफको के राज्य विपणन प्रबंधक एच.एस. सिद्धू ने कहा कि इस परियोजना के तहत देश की 300 महिलाओं को ड्रोन चलाने का मुफ्त प्रशिक्षण दिया गया है। शुरुआत में 12वीं पास और स्वयं सहायता समूहों के साथ काम करने वाली 20 महिलाओं का चयन किया गया है। इफको ने देश भर में इस्तेमाल के लिए 2500 ड्रोनों की खरीद के ऑर्डर दिए हैं, जिनमें से 110 ड्रोन पंजाब के लिए रखे जाएंगे। इन महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ ड्रोन भी मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे।

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