भविष्‍य में मशीन इतनी बुद्धिमान हो जाएगी कि शल्‍य चिकित्‍सा भी खुद करेगी : डॉ.योगेंद्र मलिक

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Two-day international conference organized by All India Council for Technical Education (AICTE) at Pait College.
अंतरराष्‍ट्रीय कॉन्‍फ्रेंस से पूर्व रिसर्च पेपर्स का विमोचन करते अतिथि‍।
पाइट में एआइसीटीई ने कराई अंतरराष्‍ट्रीय कॉन्‍फ्रेंस, मलेशिया, दिल्‍ली व अन्‍य राज्‍यों से पहुंचे रिसर्चर, भविष्‍य की राह दिखाई
Aaj Samaj (आज समाज), पानीपत :  मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल के पूर्व एडवाइजर डॉ.योगेंद्र मलिक ने कहा कि दुनिया बेहद जल्‍द बदलने वाली है। यह इतनी जल्‍द बदलेगी कि आप सोच भी नहीं सकते। मशीन इतनी ज्‍यादा बुद्धिमान हो जाएंगी कि खुद ही शल्‍य चिकित्‍सा कर सकेंगी। चिकित्‍सक दूर बैठकर निर्देश देंगे और मशीन इलाज कर देगी। यहां तक की खेती से लेकर प्रत्‍येक क्षेत्र में मशीन का दखल होगा। डॉ.योगेंद्र यहां पाइट कॉलेज में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्‍नीकल एजुकेशन (एआइसीटीई) की ओर से आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय कॉन्‍फ्रेंस में पहले दिन बोल रहे थे।
कंप्‍यूटेशनल इंटेलीजेंस एवं मैथेमेटिकल एप्‍लीकेशंस पर हुई इस कॉन्‍फ्रेंस में डॉ.मलिक ने भारत में एआइ मिशन एवं मेडिकल इंडस्‍ट्री में एआइ विषय पर अपनी बात रखी। उन्‍होंने कहा कि अगर बदलती तकनीक के साथ तालमेल नहीं बैठाएंगे तो पीछे रह जाएंगे। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पहुंचीं विशेष अतिथि डॉ.सुचिता उपाध्‍याय ने एआइ इन एग्रीकल्‍चर और एआइ इन लाइफ साइंस पर अपनी बात रखी। मलेशिया की यूनिवर्सिटी से डॉ.इराइवन ने मशीन लर्निंग और ओप्‍टीमाइजेशन पर शोध को साझा किया।
उन्‍होंने कहा कि मशीन लर्निंग एक महत्‍वपूर्ण विषय हो गया है। दुनिया में इसी पर शोध हो रहे हैं। डाटा साइंस की मदद से सटीक निर्णय लिए जा सकते हैं। पाइट के वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने कहा कि चौथी इंडस्ट्रियल क्रांति का वक्‍त आ चुका है। भारत को इसमें महत्‍वपूर्ण भूमिका निभानी होगी, तभी हम दोबारा विश्‍व गुरु बन सकेंगे। पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। आइटी में भारतीय दिमाग सर्वश्रेष्‍ठ है। हम प्रत्‍येक क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं। जरूरत है तो ज्‍यादा से ज्‍यादा पेटेंट और रिसर्च करने की। सचिव सुरेश तायल ने कहा कि यह पाइट में पांचवां सम्‍मेलन है। भविष्‍य में भी इस तरह के कॉन्‍फ्रेंस का रिसर्च एवं पेटेंट को बढावा दिया जाएगा।
इस अवसर पर बोर्ड सदस्‍य शुभम तायल, निदेशक डॉ.जेएस सैनी, डीन डॉ.बीबी शर्मा, बीटेक आर्टिफि‍शल इंटेलीजेंस के विभाग अध्‍यक्ष डॉ.देवेंद्र प्रसाद, आरएंडडी विभाग की अध्‍यक्ष डॉ.अंजू गांधी एवं सीएसई विभाग के अध्‍यक्ष डॉ.एससी गुप्‍ता भी मौजूद रहे।  आर्टिफि‍शल इंटेलीजेंस, क्‍लाउंड कंप्‍यूटिंग, नेटवर्क सिक्‍योरिटी और मशीन लर्निंग पर आधारित 22 शोध प्रस्‍तुत किए गए।  अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर 185 रिसर्च पेपर प्राप्‍त हुए थे। इनमें से 60 को स्‍वीकृत किया गया। इन्‍हीं में से 50 पेपर अब टेलर एंड फ्रांसिस ग्रुप की ओर से पब्लिश होंगे। पिछले एक साल से इस कॉन्‍फ्रेंस की तैयारी चल रही थी। शुक्रवार को राजस्‍थान, पंजाब, मध्‍य प्रदेश, तमिलनाडु, मलेशिया से रिसर्चर एवं कीनोट स्‍पीकर पहुंचेंगे।
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