Twitter quarrel on toolkit: टूलकिट पर अब ट्विटर से तकरार

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इसे ही कहते हैं शर्माई बिल्ली खंभा नोचे। इस कोरोना काल में केन्द्र सरकार की हो रही कथित बदनामी को कांग्रेस से जोड़कर देखने वाली भाजपा को ट्विटर ने करारा झटका दिया है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि भाजपा के आरोपों को कथित रूप से फर्जी बताकर ट्विटर ने सरकार से झगड़ा मोल ले लिया है। यूं कहें कि कांग्रेस को छोड़कर अब सरकार ट्विटर से उलझ गई है। यह गलत है। सरकार को सबसे पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए था। फिर ट्विटर से उलझने की कोशिश करनी चाहिए थी। लेकिन एसा नहीं हुआ। जब ट्विटर ने आइना दिखाया तो सरकार को मिर्ची लग गई। सूत्रों का कहना है कि सरकार कथित रूप से ट्विटर पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है कि वह ‘मैनिप्युलेटेड मीडिया’ वाला अपना टैग हटा ले। सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि ट्विटर सरकार के आगे झुकता है या नहीं।

आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने ट्विटर से कहा है कि वह कांग्रेस की ओर से कथित रूप से जारी ‘टूलकिट’ को लेकर किए गए ट्वीट पर लगाए गए ‘मैनिप्युलेटेड मीडिया’ वाले टैग को हटा ले। दरअसल, ट्विटर ने गुरूवार को बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा के ‘टूलकिट’ को लेकर कांग्रेस के खिलाफ किए गए ट्वीट को ‘मैनिप्युलेटेड’ बताया था। पात्रा ने यह ट्वीट 18 मई को किया था, इसमें इस कथित ‘टूलकिट’ के स्क्रीनशॉट को शेयर किया गया था। सूत्रों के मुताबिक़, केंद्र सरकार ने ट्विटर के एक्शन पर पर आपत्ति जताई है और कहा है कि इस मामले की जांच एक एजेंसी के सामने चल रही है और जांच के बाद ही इस कंटेंट की सच्चाई का पता चलेगा ना कि ट्विटर यह करेगा। सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ट्विटर को जांच प्रक्रिया में दख़ल नहीं देना चाहिए और जब तक इस मामले की जांच चल रही है, ट्विटर फ़ैसला नहीं दे सकता।  आपको बता दें कि कांग्रेस ने ट्विटर से अपील थी कि इस ‘टूलकिट’ को लेकर संबित पात्रा और बाक़ी बीजेपी नेताओं ने जो ट्वीट किए थे, वे उन्हें हटा ले क्योंकि यह ‘टूलकिट’ फर्जी था। पात्रा के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय सहित कई नेताओं ने इस ‘टूलकिट’ को लेकर ट्वीट किए थे।

आपको बता दें कि संबित पात्रा ने तो कहा था कि कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे कोरोना के नए वैरिएंट को ‘मोदी स्ट्रेन’ या ‘इंडिया स्ट्रेन’ कह कर प्रचारित करें। जबकि कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए इस ‘टूलकिट’ को ‘फर्जी’ क़रार दिया था और कहा था कि उसने ऐसा कोई ‘टूलकिट’ नहीं बनाया है।  इसी क्रम में फ़ैक्ट चेक करने वाली न्यूज़ वेबसाइट ‘ऑल्ट न्यूज़’ ने तथ्यों की पड़ताल कर कहा था कि इस ‘टूलकिट’ को जाली लेटरहेड पर बनाया गया है। जबकि कांग्रेस के रिसर्च विभाग के अध्यक्ष राजीव गौड़ा ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया था कि ‘सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास : महामारी के बीच वैनिटी प्रोजेक्ट’ शीर्षक से दस्तावेज कांग्रेस के रिसर्च विभाग ने बनाया था और इसी के आधार पर बीजेपी ने जाली दस्तावेज तैयार कर ‘कोविड टूलकिट’ बताया है। ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि यह बात सही है कि कांग्रेस के रिसर्च विभाग के लेटरहेड से छेड़छाड़ कर इस टूलकिट दस्तावेज को बनाया था।

कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संबित पात्रा के ख़िलाफ़ तुगलक रोड थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, बीजेपी महासचिव बीएल संतोष का भी नाम शामिल है। शिकायत में कहा गया है कि इन लोगों ने आपस में मिलीभगत करके कांग्रेस पार्टी के रिसर्च विभाग के लेटरहैड पर एक फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर लिया। कांग्रेस ने कहा है कि वह सोशल मीडिया कंपनियों से कहेगी कि वह बीजेपी के पदाधिकारियों को फ़ेक न्यूज़ फैलाने के लिए अपने प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल न करने दे। आपको बता दें कि 18 मई को संबित पात्रा ने ट्वीट कर एक डॉक्यूमेंट शेयर किया था। उसके बाद से ही इस मुद्दे पर हलचल मच गई थी। उक्त डॉक्यूमेंट पर कांग्रेस का लोगो लगा था। पात्रा ने कहा था कि महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए कांग्रेस का टूलकिट देखें। मदद के नाम पर पीआर अभ्यास अधिक लग रहा है। देश में कोरोना को लेकर जो हालात है उस पर कांग्रेस की ओर से केंद्र पर हमला जारी है। वहीं बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा की ओर से कोरोना ट्वीट कर टूलकिट का हवाला देकर कांग्रेस पर आरोप लगाए गए। इसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ वहीं ट्विटर ने इस ट्वीट को मैनिपुलेटेड बता दिया है। यानी संबित पात्रा के इसी ट्वीट पर ट्विटर ने क़ड़ा एक्शन लिया है।

विदित हो कि बुधवार को बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि यह टूलकिट कांग्रेस ने तैयार की है जिसके जरिए कोरोना काल में राजनीतिक लाभ लेने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की तैयारी थी। वहीं टूलकिट का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि टूल किट मामले में कांग्रेस पर जो आरोप लगाया गया है उसकी जांच की जाए। कांग्रेस ने भाजपा पर कोरोना महामारी के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बचाने और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ‘फर्जी टूलकिट’ तैयार करने का आरोप लगाया है। पार्टी के मुताबिक, नई दिल्ली के तुगलक रोड थाने में राजीव गौड़ा और सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई है। खैर, अब इस मामले की गहन जांच शुरू हो गई है। जांच के उपरांत ही पता चलेगा कि असलियत क्या है। वैसे संबित पात्रा पर ट्विटर के एक्शन के बाद कांग्रेसजनों में उत्साह और हर्ष है।

यूं कहें कि टूलकिट विवाद ने एक तरह भाजपा नेता संबित पात्रा को एक्सपोज कर दिया है। एसे में पार्टी और सरकार को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है कि इस मुद्दे पर कहां गलती हुई। क्योंकि ट्विटर से एक्शन से भाजपा की किरकिरी हुई है। खैर, इस मामले की जांच चल रही है। देखना यह है कि जांच के उपरांत परिणाम क्या आता है? अब सबकी नजरें उधर ही टिकी हुई हैं।

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