Turbulent borders are not good for the country – Shiv Sena: सीमाओं का अशांत रहना देश के लिए अच्छा नहीं- शिवसेना

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नई दिल्ली। शिवसेना ने अपने पूर्व की सहयोगी पार्टी भाजपा पर सवाल खड़े किए। हमलावर हुई शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में मोदी सर कार द्वारा 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। शिवसेना ने कहा कि माना जा रहा था कि इससे पाकिस्तानी आतंकियों के हौसले पस्त होंगे लेकिन यह केवल एक भ्रम मात्र ही रहा। मुखपत्र ह्यसामनाह्ण में सीमाओं पर लगातार जवानों की मृत्यु पर सवाल उठाए गए थे। ह्यसामनाह्ण में लिखा गया कि सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकियों के हौसले पस्त होंगे लेकिन यह भ्रम बन कर रह गया है, क्योंकि भारतीय सैनिक अब भी कश्मीर में आतंकी हमलों में जान गंवा रहे हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया कि सीमाओं का अशांत होना देश के लिए अच्छा नहीं है। पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में बुधवार को आतंक निरोधी अभियान के दौरान महाराष्ट्र के नासिक के रहने वाले सेना के जवान संदीप रघुनाथ सावंत की मौत के बाद यह सवाल उठाए। संपादकीय में कहा गया, कश्मीर में नए साल की शुरूआत अच्छी नहीं हुई। सातारा के जवान संदीप सावंत कश्मीर में शहीद हो गए हैं। नौशेरा क्षेत्र में सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में संदीप सावंत सहित दो जवान शहीद हो गए। गत एक महीने में महाराष्ट्र के सात-आठ जवान शहीद हुए हैं। इसके लिए महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी जिम्मेदार नहीं है। बार-बार कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर की परिस्थिति नियंत्रण में है। लेकिन ये कितना सच है? पार्टी ने सवाल उठाए कि सर्जिकल स्ट्राइक और अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के बाद कश्मीर में हालात कितने सुधरे हैं। हालांकि इसमें उसने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करना एक अच्छा कदम था। इन सबके साथ शिवसेना ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाए कि भाजपा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए सेना का प्रयोग कर रही है।

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