Trust in the bureaucracy is important: नौकरशाही पर विश्वास जरूरी

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हाल ही में एक अमेरिकी चिकित्सक ने सीएनएन पर कहा कि कोरोना वायरस अमेरिका में दो साल तक चल सकता है। यह 70% तक जनसंख्या को संक्रमित कर सकता है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि वायरस खत्म नहीं होगा। कभी भी यह वॉयरस वापस लौट सकता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना को सही तरीके से नहीं लिया था, जिस कारण वहां हजारों लोगों ने अपनी जान गवई। फिर उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (६ँङ्म) में अपनी वार्षिक योगदान में कटौती कर दी। तभी चीन ने अपना प्रभाव बढ़ाते हुए ६ँङ्म की मदद की। अमेरिका के राष्ट्रपति वुहान के प्रयोगशाला में वायरस पैदा करने के लिए रोजाना चीन को दोषी ठहराते रहे हैं। हालांकि चीन अमेरिका के आरोपों को नकारता रहा है। डोनाल्ड ट्रंप अपनी रीजन प्रेस-कान्फरेन्स में चीन को ही दोषी ठहराते हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है अमेरिका अपनी वैश्विक नेता की पहचान को लगातार नुकसान कर रहा है।  चीन अब दुनिया भर में दवाएं भेज रहा है, डाक्टर की वर्दी, दस्ताने और कीटाणुनाशक दवाएं भेज रहा है। चीन का दावा है कि वुहान  में जीवन अब सामान्य हो गई है। महामारी खत्म हो गई है। इस तरह न केवल चीन में, बल्कि दुनिया भर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि शुरूआत में उनकी छवि कुछ कमजोर पड़ गई थी लेकिन अब वह पुरानी बात हो चुकी है। अब मैं अपने प्यारे देश भारत की बात करते हैं। देश में एक महत्वपूर्ण संवैधानिक परिवर्तन लगभग किसी का ध्यान नहीं गया है। केंद्र और राज्यों के के बीच संबंधों में नाटकीय परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्री को राज्यों के अधिकार और शक्ति के बारे में जानकारी हो गई है। लॉकडाउन तीन को लागू करने के लिए अधिकतर राज्य केंद्र पर लगातार दबाव डाला करते थे। गृह मंत्रालय की शुक्रवार को जारी अधिसूचना ने एक ऐसी जटिल स्थिति पैदा कर दी थी, जहां पढ़ा लिखा व्यक्ति उसकी स्पष्ट व्याख्या नहीं कर सकता था। शनिवार 2 मई को इकोनॉमिक्स टाइम्स कर संपादकीय में ‘लॉकडाउन का विस्तार करने को गलत माना गया था। इसके बाद इसके लेखकों को  संदेह की नजर से देखा जा रहा है। आर्टिकल में सरकार द्वारा दो हफ्ते तक इस लॉक डाउन को बढ़ाने के फैसले को सही नीति नहीं माना गया था। लॉक डाउन  भारतीयों को भलाई से ज्यादा नुकसान की भविष्यवाणी की गई है।
निस्संदेह इस अधिसूचना का उद्देश्य गरीबों, बेरोजगारों और जरूरतमंदों की सहायता करना है। यहां तक कि मेरे घर के कर्मचारियों के सदस्य भी अशिक्षित हैं और उनके परिवार भी हैं। मैं उन्हें रेड, आॅरेंज और ग्रीन जोन की जटिलताओं को कैसे समझाऊं? हालांकि, इकोनॉमिक्स टाइम्स ने भी लिखा है की लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध तथा स्थानीय प्रशासन को दी जाने वाली शक्तियों का अर्थ है कि अर्थव्यवस्था के एक बड़े वर्ग को अब भी बंद कर दिया जाएगा और आर्थिक तनाव बढ़ जाएगा। चार लोग कार में क्यों नहीं बैठ सकते? सुबह 7 से शाम 7 बजे के बीच क्या कर रहे हैं।  आशा थी कि चीन के हालात से भारत के लिए मौका है, लेकिन भारत ने मौका खो दिया है। इसका परिणाम यह हुआ कि कई विदेशी कंपनियां और उद्योग जापान और वियतनाम चले गये हैं। 2024 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाले भारत का सपना साकार होने की संभावना नहीं है। इन दिनों डब्ल्यूएफएच द्वारा एक वर्क फ्रॉम होम की खूब चर्चा हो रही हैं। यह घर से काम करने के लिए आसान सुविधा हैं। भारत में कई मंत्री वर्क फ्रॉम होम हैं। उनके संयुक्त सचिव, अनुभाग अधिकारी, कार्यालय सहायक और क्लर्क उत्तर और दक्षिण ब्लाकों में बैठेंगे। हम पूरी तरह डिजिट्ल के रास्ते पर जा रहे हैं। फाइलें सेक्रेटरी के घर से उत्तर और दक्षिण ब्लाक की ओर घूम रही है। इससे समय की भी बचत होगी।
टऌअ की अधिसूचना में कई  रचनात्मक तत्व हैं, उन्हें लागू करने की प्रक्रिया बिना देरी के शुरू होनी चाहिए। 27 फरवरी, 1967 को मैंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक पत्र भेजा था, जो संसद के एक जर्मन सदस्य फेलिक्स वॉन एकार्डिट ने परमाणु शक्तियों के बारे में कहा था। मैंने सोचा कि यह लाभदायक रहेगा, और ऐसा हुआ भी। सट्टेबाज  एक क्लब की तरह है, जो मद्यपान करने वालों से लिखित समझौते की मांग करते हैं कि वे कभी शराब नहीं पीते हैं और जब उन्हें गिलास भेंट होता है, तब वे बूंद तक नहीं छूते। और तब समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद शराब केवल एक साथ बैठकर दोबारा पी ही नहीं सकती बल्कि शराबखाने वालों पर खाली बोतल फेंक देते हैं।


के नटवर सिंह
(लेखक पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं। यह इनके निजी विचार हैं।)

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