वीर सैनिकों के अदम्य साहस को समूचा राष्ट्र हमेशा रखेगा याद : एसडीएम अनुभव मेहता

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Tributes were paid to the pictures of the soldiers of the district who were martyred in the 1971 war.
Tributes were paid to the pictures of the soldiers of the district who were martyred in the 1971 war.
  • 1971 की लड़ाई में विजय हासिल कर सशस्त्र सेनाओं ने लिखा था गौरवमय इतिहास
    इशिका ठाकुर,करनाल :
    विजय दिवस पर एसडीएम व पूर्व सैनिक अधिकारियों ने शहीदी स्मारक पर किए पुष्प चक्र अर्पित, युद्ध वीरांगनाओं को किया सम्मानित।

एसडीएम अनुभव मेहता ने कहा कि आज से ठीक 51 वर्ष पूर्व स्वतंत्र भारत की सशस्त्र सेनाओं ने अपने गौरवमय इतिहास रचा था। आज के ऐतिहासिक दिन यानी 16 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने अपने अस्त्र-शस्त्रों के विपुल भंडार के साथ-साथ अपने कमांडर जनरल ए.ए.के. नियाजी सहित भारतीय सेना के सम्मुख ढाका में आत्म समर्पण किया था। कितने गौरवमय थे वो क्षण, जब भारत की प्रतिष्ठा अपनी चरम सीमा को छू रही थी। इतनी बड़ी जीत के पीछे हमारी शस्त्र सेनाओं की अभूतपूर्व वीरता बलिदान व शौर्य की गौरव गाथा जुड़ी हुई है। उन वीर सैनिकों के अदम्य साहस को समूचा राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।

शहीद हुए जिला के सैनिकों के चित्रों पर श्रद्धासुमन अर्पित

Tributes were paid to the pictures of the soldiers of the district who were martyred in the 1971 war.
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एसडीएम शुक्रवार को जिला सैनिक बोर्ड कार्यालय के सभागार में सशस्त्र सेनाओं के सम्मान में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित विजय दिवस समारोह अवसर पर शहीदी स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करने उपरांत उपस्थित शहीदों के परिजनों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कर्नल चांद सरोहा, लेफ्टिनेंट कर्नल कुलदीप शर्मा, लेफ्टिनेंट कर्नल डीडीएस संधू, ब्रिगेडियर (से०नि०) एन.के. भंडारी, ब्रिगेेडियर रणधीर सिंह, मुखत्यार सिंह यादव, अनिल कुमार, कैप्टन हरिदास, ईश्वर चंद, राजबीर सहित अन्य अधिकारियों ने भी शहीदों को श्रद्धाजंलि दी। इस मौके पर मुख्य अतिथि व अन्य अतिथिगणों ने 1971 की लड़ाई में शहीद हुए जिला के सैनिकों के चित्रों पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

इस अवसर पर ब्रिगेडियर(से०नि०) एन.के. भंडारी ने कहा कि आजादी के भारत देश ने कईं लड़ाई लड़ी, लेकिन 1971 की लड़ाई में सशस्त्र सेनाओं ने अपने गौरवमय इतिहास का सबसे सुंदर स्वर्ण पृष्ठ लिखा था। इसी युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश का भी जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि विजय दिवस मनाने के दो मुख्य उद्देश्य हैं एक तो शहीदों की कुर्बानी को याद किया जाए और उनके परिजनों को हरसंभव मदद करने का संकल्प लिया जाए। दूसरी ओर इस दिन भारत ने विश्व स्तर पर महाशक्ति के रूप में एक अलग पहचान बनाई थी। उन्होंने कहा कि आज बहुत ही खुशी की बात है कि हम अपनी उस महान विजय की स्मृति के क्षणों को ताजा करने व अपनी महान सशस्त्र सेनाओं के प्रति अपना प्यार व व्यवहार के साथ-साथ श्रद्धाजंलि देने के लिए इक हुए है । उन शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए युवा पीढ़ी को देश भक्ति और राष्ट्र की प्रगति के कार्यो में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।

देश भक्ति की भावना हर दिल में होनी चाहिए

उन्होंने कहा कि हरियाणा वीरों की भूमि है यहां के हर जाबांज ने देश में हुए हर एक युद्ध में अपनी अह्म भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि देश भक्ति की भावना हर दिल में होनी चाहिए तभी देश तरक्की करेगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन व जिला सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड की तरफ से युद्ध में शहीद सैनिकों, वीरांगनाओं व उनके परिजनों को हर सम्भव सहयोग दिया जा रहा है तथा उनकी जो भी समस्याएं हैं, उनका निवारण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।

कार्यक्रम में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रेलवे रोड की छात्राओं तथा जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी करनाल की ड्रामा पार्टी के कलाकारों ने देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत प्रस्तुत किए। इस अवसर पर शहीदों के परिवारों की विरांगनाएं तथा पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।

विजय दिवस कार्यक्रम में युद्ध वीरांगनाओं को किया गया सम्मानित

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जिला सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल कुलदीप शर्मा, ब्रिगेडियर एन.के. भंडारी व ब्रिगेेडियर रणधीर सिंह ने विजय दिवस कार्यक्रम के अवसर पर 18 युद्ध वीरांगनाओं को आर्थिक सहायता राशि के चेक देकर सम्मानित किया। इन युद्ध वीरांगानाओं में पाढा से ओमपति देवी, गगसीना से शांति देवी, असंध से किरपाल कौर, जुंडला से सर्बजीत कौर, राहड़ा से सावित्री देवी, निगदु से जसबीर कौर, कोहण्ड से सरोज देवी, आर के पुरम करनाल से जसबीर कौर, बड़ौता से सुनहरी देवी, ब्रास से प्रकाशवती व शालू, काछवा से दलजीत कौर, कुडलन से उर्मिला देवी, कलहेड़ी से सुमन लता, रम्बा से रमनप्रीत कौर, डिंगर माजरा से अरूणा रानी, शक्तिपुरम पार्ट-2 करनाल से सुदेश देवी तथा मखाला से कमलेश देवी के नाम शामिल हैं।

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