Government sent written proposal, farmers rejected proposal: सरकार ने भेजा लिखित प्रस्ताव, किसानों ने प्रस्ताव निरस्त किया, Bjp के नेताओं का घेराव करेंगे

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केंद्र के द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन को 14 दिन हो गए हैं। किसान सरकार नेखिलाफ आज सिंघु बॉर्डर पर किसानों को प्रस्ताव भेज दिया है। किसानों को लिखित प्रस्ताव दिया गया जिसे आज किसानों ने पूरी तरह निरस्त कर दिया और किसान नेताओं ने कहा कि हम तीनों कानून को रद्द करना चाहते हैं। इसके लिए हम अपना आंदोलन तेज करेंगे। 12 तारीख को दिल्ली जयपुर हाईवेजाम किया जाएगा। इसके अलावा अन्य तरीकों से भी आंदोलन को तेज करने की बात किसान नेताओं ने कही। 14 दिसंबर को बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भारत सरकार किसानों से बातचीत करने का प्रस्ताव रख रही है और साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने भी मिलकर किसानों से बातचीत कर समस्या का समाधान निकालने का प्रस्ताव रखा था। मंगलवार को 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह के साथ चार घंटे तक बातचीत की थी। इधर, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनन मुल्ला ने कहा कि कल बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। सरकार ने 10 दिसंबर को बैठक के लिए बोला है, अगर प्रस्ताव के बाद कुछ सकारात्मक निकल कर आता है तो कल बैठक हो सकती है। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को शाह के साथ बैठक को ‘सकारात्मक’ बताते हुए कहा कि सरकार किसान नेताओं को आज एक मसौदा देगी, जिस पर हम किसानों के साथ चर्चा करेंगे। टिकैत ने कहा, “मैं कहूंगा कि बैठक सकारात्मक थी। सरकार ने हमारी मांगों पर संज्ञान लिया है और कल हमें एक मसौदा दिया जाएगा, जिस पर हम विचार-विमर्श करेंगे।”

-किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर कहा कि जियो के जितने में प्रोडक्ट्स और मॉल हैं, उनका बहिष्कार करेंगे। पूरे देश में प्रदर्शन जारी रहेंगे। 14 दिसंबर को धरना देंगे। जयपुर और दिल्ली हाईवे को 12 तारीख तक रोक देंगे। आडानी और अंबानी के टोल प्लाज।Bjp के नेताओं का घेराव करेंगे।

– सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए सिर्फ संशोधन की बात है तो फिर हम उसे खारिज कर देंगे।

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