नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज विपक्ष राष्ट्रपति से मिलने पहुंचा। विपक्ष की बीस से अधिक पार्टियां कृषि कानून के खिलाफ हैंऔर वह मांग कर रहीं हैं कि सरकार कृषि कानून को रद करे। विपक्ष का पांच सदस्यी प्रतिनिधि मंडल आज कृषि कानून पर अपनी चिंताओं को राष्ट्रपति तक पहुंचाने केलिए उनसेमिला। हालांकि कोविड-19 गाइडलाइनस के कारण प्रतिनिधि मंडल में केवल पांच लोग ही राष्ट्रपति से मिलने पहुंच पाए थे। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के एक प्रतिनिधि, भाकपा के महासचिव डी राजा और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी शामिल थे। कृषि कानूनों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी पार्टियां भारत बंद का समर्थन कर चुकी हैं। दरअसल, भाजपा ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूपीए सरकार में कृषि मंत्री के तौर पर शरद पवार ने राज्यों को एपीएमसी कानून में संशोधन करने को कहा था। पवार ने राज्यों को आगाह किया था कि अगर सुधार नहीं किए गए तो केंद्र की तरफ से वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। लेकिन अब पवार खुद विरोध कर रहे हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात के बाद सीताराम येचुरी ने कहा, हमने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया है। हमने उनसे कृषि कानून और बिजली संशोधन बिल को रद्द करने की मांग की है जिसे बिना किसी उचित विचार-विमर्श और सलाह के अलोकतांत्रिक तरीके से पास किया गया था।
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