Demand for change in United Nations: संयुक्त राष्ट्र में बदलाव समय की मांग, यूएन में स्थायी सीट के लिए कब तक करेगा भारत इंतजार

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पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र को आज संबोधित किया। इस साल यह अधिवेशन वर्चुअल हो रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम मोदी ने जोरदार तरीके से अपना भाषण सबके समाने रखा। उन्होंने इस मौके पर भारत की संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता के लिए भी मजबूती के साथ अपना दावा रखा। वहीं दूसरी और उन्होंने मानवता और मानवहितों के लिए कार्य करने की बात भी कही। उन्होंने बिना पाकिस्तान और चीन का नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने एक तरफ संयुक्त राष्ट्र के स्वरूप में बदलाव की मांग जोरदार ढंग से उठाई तो दूसरी तरफ आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान और विकास के नाम पर साथी देशों कर्जजाल में फंसाने वाले चीन को भी आड़े हाथों लिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया को अपना परिवार मानता है और मानवता के लिए काम कर रहा है। पीएम ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में भारत के योगदान का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा भारत को इस बात का बहुत गर्व है कि वो संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक देशों में से एक है। आज के इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं आप सभी के सामने भारत के 130 करोड़ लोगों की भावनाएं इस वैश्विक मंच पर साझा करने आया हूं। आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था, उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है?अगर हम बीते 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें, तो अनेक उपलब्धियां दिखाई देती हैं। अनेक ऐसे उदाहरण भी हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के सामने गंभीर आत्ममंथन की आवश्यकता खड़ी करते हैं।

पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को दोहराते हुए कहा, ”अगले साल जनवरी से भारत सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर अपना दायित्व निभाएगा। दुनिया के अनेक देशों ने भारत पर जो अपना विश्वास जताया है उसके लिए आभार जताता हूं। विश्व के सब से बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे। हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है। भारत की आवाज हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी। भारत की आवाज मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन- आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ उठेगी। आतंकवाद समेत मानवता के दुश्मनों के खिलाफ अपनी आवाज उठाने में भारत कभी नहीं हिचकिचाएगा।”

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