नईदिल्ली। दिल्ली मेंकेंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ चल रहेकिसान आंदोलन पर कनाडा के प्रधाानमंत्री ने चिंता जाहिर की थी। जिस पर भारत ने कनाडा को नसीहत दी कि देश के घरेलू मुद्देपर न बोलें तो बेहतर होगा। कनाडा के पीएम द्वारा भारत के दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर टिप्पणी करने पर भारत ने इसका जवाब दिया और कनाडा पीएम को सख्त नसीहत भी देडाली। भारत ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए किसी लोकतांत्रिक देश के घरेलू मुद्दे पर ना बोलें तो ही बेहतर है। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कनाडा पीएम के किसानों के मुद्दे पर बयान को नाजायज और नासमझी भरा बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”भारत में किसानों के बारे में हमने कनाडा के कुछ नेताओं के कुछ नासमझी भरे बयान देखे हैं। ये नाजायज हैं, खासकर तब जब एक लोकतांत्रिक देश के अंदरुनी मामलों से जुड़ा हो। सबसे अच्छा यह है कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कटूनीतिक संवाद को तोड़ा-मरोड़ा ना जाए। इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को भारत में किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के बारे में चिंता व्यक्त की। ट्रूडो ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक या गुरु नानक की 551 वीं जयंती के मौके पर सांसद बर्दिश चग्गर द्वारा आयोजित एक फेसबुक वीडियो कांफ्रेंस कार्यक्रम में शिकत के समय यह चिंता प्रकट की। उनके साथ कनाडा के मंत्री नवदीप बैंस, हरजीत सज्जन और सिख समुदाय के सदस्य शामिल थे। ट्रूडो ने कहा था अगर मैं किसानों द्वारा विरोध के बारे में भारत से आने वाली खबरों की बात करूं स्थिति गंभीर है और हमें चिंता है।” ट्रूडो ने कहा “आपको याद दिला दूं, शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा।
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