To get involved in the character, you have to forget yourself …किरदार में ढलने के लिये आपको खुद को भूल जाना पड़ता है…

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टेलीविजन की दुनिया के जाने-माने अभिनेता और स्‍टाइल आइकन सिद्धार्थ निगम सोनी सब के ‘अलादीन : नाम तो सुना होगा’ में अपने बेहतरीन परफॉर्मेंस से अपने दर्शकों एवं प्रशंसकों का दिल जीत रहे हैं। वह वर्ष 2013 से ही एन्‍टरटेनमेंट इंडस्‍ट्री का हिस्‍सा रहे हैं। सिद्धार्थ, जोकि घर-घर में मशहूर हैं, ने अपना लुक बदलने की कहानी साझा की, जोकि मनोरंजन जगत में उनके सफर की तरह ही मनमोहक है।

सिद्धार्थ सोनी सब के फैंटेसी शो ‘अलादीन : नाम तो सुना होगा’ में अलादीन की भूमिका निभा रहे हैं। इसके साथ ही इस शो में हाल ही में आये ट्विस्‍ट के साथ उन्‍हें एक चार्मिंग प्रिंस अली के रूप में भी देखा जा रहा है। असली जिंदगी में सिद्धार्थ को एथलीशर आउटफिट्स पसंद है, लेकिन पर्दे पर उन्‍हें सही आउटफिट्स एवं मेकअप के साथ एक रॉयल कैरेक्‍टर निभाना होता है। उनसे जब अली के किरदार के लिये उनका लुक बदलने के बारे में पूछा गया, तो सिद्धार्थ ने कहा, ”किरदार में ढलने की प्रक्रिया समय खपाने वाली नहीं है, मैं अपने आउटफिट पहनता हूं और ‘मेक-अप दादा’ मेरा मेकअप करते हैं तथा जेल से बालों को सेट करते हैं। मेरे आउटफिट की सबसे अच्‍छी बात यह है कि यह वाकई में बहुत आरामदायक है और उसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि मैं ऐक्‍शन सीक्‍वेंस को अच्‍छी तरह से कर पाऊं। मैं किसी भी पोशाक में सबसे पहले यह देखता हूं कि वह मेरे लिये आरामदेह है या नहीं। प्रिंस अली की भूमिका निभाने के लिये मैं ए‍क बिल्‍कुल नई तरह की हेयर स्‍टाइल अपना रहा हूं, जोकि ट्रिम्‍ड साइड्स के साथ पुरूषों का एक नया जूड़ा है। हालांकि, उसे हर सप्‍ताह मेंटेन रखने की जरूरत होती है, लेकिन मुझे यह परिवर्तन अच्‍छा लग रहा है। इस लुक में एक मॉडर्न हिंट है, जैसा कि हमारे शो का भी है। 

यह बदलाव सिर्फ आउटफिट एवं मेकअप तक ही सीमित नहीं है। एक कलाकार की चुनौती इससे कहीं बढ़कर होती है। सिद्धार्थ ने कहा, ”एक कलाकार के रूप में, किसी भी भूमिका में ढलने के लिये कॉस्‍ट्यूम एवं मेकअप पहला कदम है। मेरे लिये सबसे बड़ी चुनौती है, सेट पर आते ही खुद को भूल जाना। मेरी हर भावना को मेरे किरदार के अहसास के साथ बदलने की जरूरत होती है। यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन एक कलाकार के रूप में यह मेरा पहला काम है। मेरा दृढ़ विश्‍वास है कि कैमरे पर भावनाओं को असली रूप में प्रस्‍तुत किया जाये और यहां तक कि इमोशनल सीन्‍स के दौरान आंखों में आंसू लाने वाले ऐक्टिवेटर्स का इस्‍तेमाल करने से भी बचना चाहिये। मैं कभी भी अपनी लाइंस याद नहीं करता, बल्कि उसे एक बार पढ़ता हूं और यह समझने की कोशिश करता हूं कि इमोशन्‍स और स्थितियां क्‍या हैं और उन्‍हें अली के नजरिये से देखने का प्रयास करता हूं।” उनसे जब पूछा गया कि क्‍या वे शो पर अपने किरदार के साथ जुड़ाव महसूस करते हैं तो, सिद्धार्थ ने कहा, ”अली और अलादीन दोनों ही एकसाथ चलते हैं और मैं अपनी जिंदगी में भी ऐसा ही हूं। मेरे पास उनकी तरह ही एनर्जी है।बेहद प्रतिभाशाली सिद्धार्थ ने एक बाल कलाकार के रूप में अपना सफर शुरू किया था और उन्‍होंने लोगों के दिलों में सफलतापूर्वक अपनी जगह बनाई है। वह अपने काम के प्रति समर्पित हैं और एक कलाकार के रूप में यूं ही आगे बढ़ते रहना चाहते हैं।

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