राष्ट्रीय सेवा शिविरों का मुख्य उद्देश्य युवाओं को अपने देश की सांस्कृतिक विविधता व इतिहास के बारें में जागरूक करना : विपिन शर्मा

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To create awareness about the country's cultural diversity and history: Vipin Sharma
To create awareness about the country's cultural diversity and history: Vipin Sharma

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नीरपुर में राष्ट्रीय सेवा शिविर में बच्चों का नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सांस्कृतिक विविधता और इतिहास के बारे में जागरूक

इस मौके पर नैतिक मूल्यों की शिक्षा के राज्य नोडल अधिकारी एवं पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा शिविरों का मुख्य उद्देश्य होता है भारतीय युवाओं को अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और इतिहास के बारे में जागरूक करना। राष्ट्रीय गौरव की भावना उत्पन्न करना तथा समाज सेवा के माध्यम से राष्ट्र को एकीकृत करना। इन शिविरों के माध्यम से आपदा के समय पीड़ितों को भोजन, वस्त्र, प्राथमिक सहायता करना व प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदाओं में जरूरतमंदो की सहायता करना सिखाया जाता है। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि हमें अपने आप में सुधार करने का कार्यक्रम आरम्भ करते हुए लोकसेवा की महान प्रक्रिया का आरम्भ करना होगा। युग परिवर्तन का पहला कार्य है अपना परिवर्तन। हम बदलेगें तो हमारी दुनिया भी बदलेगी। शुभ कार्य अपने घर से आरम्भ होते हैं।

समाज सुधारने व संसार को सुधारने के लिए हमें अपना व्यक्तिगत जीवन सुधारना होगा। आज व्यक्ति एवं समाज में साम्प्रदायिक्ता, जातीयता भाषावाद, हिंसा, अलगाववाद की संकीर्ण भावनाओं व समस्याओं के मूल में नैतिक मूल्यों का पतन ही उत्तरदायी कारण है। वास्तव में नैतिक गुणों की कोई सूची नहीं बनाई जा सकती परन्तु हम इतना अवश्य कह सकते हैं कि मनुष्य में अच्छे गुणों को हम नैतिक कह सकते हैं जो व्यक्ति के स्वयं के विकास और कल्याण के साथ दूसरों के कल्याण में भी सहायक हो। नैतिक मूल्यों का समावेश जीवन के सभी क्षेत्रों में होता है। व्यक्ति परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक मूल्यों की यात्रा होती है। नैतिकता समाज में सामाजिक जीवन को सुगम बनाती है। मानव को सामाजिक प्राणी होने के नाते कुछ सामाजिक नीतियों का पालन करना पड़ता है जिनमें संस्कार, सत्य, परोपकार, अहिंसा आदि शामिल है। वास्तव में ये सभी नैतिक गुणों में आते है और बच्चों को इन्हें बचपन से ही धारण कर लेना चाहिए ताकि अच्छे परिवार, समाज व राष्ट्र का निर्माण हो सके।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य लाल सिंह ने नैतिक मूल्यों पर अपने विचार रखे और बच्चों से अपील की कि वे बताई गई सभी बातों को अपने जीवन में व्यवहारिक रूप से लागू करें तथा अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ अच्छे नागरिक भी बने। इस मौके पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी देवकी नन्दन ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के महत्व पर प्रकाश डाला।

इस अवसर परअन्य कर्मचारी तथा स्कूली बच्चे उपस्थित थे

इस अवसर पर बाल भवन से तीरन्दाजी कोच सुरेन्द्र शर्मा, प्रवक्ता नीतू यादव, प्रवक्ता संगीता यादव, प्रवक्ता राकेश शर्मा व अन्य प्रवक्तागण, अध्यापकगण, अन्य कर्मचारी तथा स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

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