Puja Path Niyam: पूजा के बाद बची राख को यूं ही फेंकना पड़ सकता है भारी

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Puja Path Niyam: पूजा के बाद बची राख को यूं ही फेंकना पड़ सकता है भारी
Puja Path Niyam: पूजा के बाद बची राख को यूं ही फेंकना पड़ सकता है भारी

पूजा पाठ करने से जीवन में आती है सकारात्मकता
Puja Path Niyam, (आज समाज), नई दिल्ली: हर घर में रोजाना भगवान का पूजन किया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में पूजापाठ भगवान को पाने और उनसे जुड़ने का सबसे उत्तम माध्यम बताया गया है। पूजा पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। जीवन खुशहाल होता है। व्यक्ति धर्म को समझता है और उसी रास्ते पर चलने की कोशिश करता है। भगवान की कृपा से जीवन में सभी काम बनते हैं। घर परिवार में खुशियां बनी रहती हैं। हालांकि, पूजा पाठ करना आसान नहीं है।

हिंदू धर्म शास्त्रों में पूजा पाठ के बहुत कड़े नियम बताए गए हैं। अगर हिंदू धर्म शास्त्रों में पूजा पाठ के लिए बताए गए नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो पूजा का पूरा फल नहीं मिलता। पूजा के समय गलतियां नहीं करनी चाहिए। इससे जीवन में नकारात्मक असर पड़ता है। अक्सर लोग पूजा की बची हुई राख को लेकर भी गलतियां कर देते हैं। फिर उन्हें भारी समस्या हो जाती है।

पूजा की सामग्री का निस्तारण जरूरी

भगवान की पूजा एक पवित्र काम माना जाता है। पूजा के बाद जो सामग्री बच जाती है, उसका भी सही तरह से निस्तारण करना चाहिए। वरना पूजा सफल नहीं मानी जाती है। साथ ही भगवान भी रुष्ठ हो सकते हैं। ऐसे में ये गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।

पूजा की राख से जुड़ी ये गलतियां न करें

पूजा के बाद दीपक, अगरबत्ती, धूप या हवन सामग्री की जो राख बच जाए उसको बेकार समझकर कभी भी कूड़े में नहीं फेंकना चाहिए। इसे अशुद्ध जगह पर नहीं फेंकना चाहिए। ऐसा करने पर दुर्भाग्य पीछे लग जाता है। घर की सकारात्मक उर्जा खत्म होती है। पूजा के बाद राख को मंदिर में या भगवान के पास नहीं पड़े रहने देना चाहिए। ऐसा करने पर घर में नकारात्मकता आती है, इसलिए मंदिर और भगवान के पास पड़ी पूजा की राख हटा देनी चाहिए और मंदिर साफ रखना चाहिए।

पूजा की राख का क्या करना चाहिए?

पूजा की राख को एकत्र करना चाहिए। फिर हफ्ते या महीने बाद बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। राख को किसी साफ कपड़े में बांधकर किसी शांत और पवित्र जगह पर गाड़ देना चाहिए। इसके अलावा बगीचे या पौधों की मिट्टी में भी पूजा की राख मिलाई जा सकती है।

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