Those who spread corona will have to be punished a lot: कोरोना फैलाने वालों को देनी होगी बड़ी सजा

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एक गायिका हैं कनिका कपूर। जब पूरे देश में कोरोना का हल्ला मचा था, वे लंदन से लखनऊ आईं और पार्टियां करने लगीं। जब पता चला कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं तो हल्ला मचा। पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तक इन पार्टियों का हिस्सा थे और जब स्वास्थ्य मंत्री को सूबे में कोरोना नियंत्रण पर फोकस करना चाहिए था, वे खुद एक कमरे में बंद होने को विवश हो गए। बात कनिका की नहीं, उससे सीखने की है। इस हंगामे के बाद उम्मीद थी कि लोग सुधरेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ। दिल्ली में बड़े-बड़े दावों के बीच एक धार्मिक संगठन तब्लीगी जमात ने हजारों लोगों को दिल्ली में इकट्ठा कर लिया। इनमें तमाम लोग भारत के बाहर से भी आए थे और कोरोना लेकर आए थे। परिणाम ये हुआ कि धर्म की रक्षा करने के लिए जुटे लोग एक ही दिन में छह लोगों की जान ले चुके हैं। अभी कितनी जानें और जाएंगी, यह काल के गर्भ में है। जब पूरा देश स्वयं को घरों में कैद किये हुए है, ऐसे में कोरोना फैलाने वालों को कड़ी सजा देने की पहल तो करनी ही होगी। इसके लिए हमें धर्म आधारित चश्मे से बाहर भी निकलना होगा।
पिछला एक पखवाड़ा भारत में कोरोना की गंभीरता को सहेजे रहा है। इस बीच कनिका कपूर का मसला उछला, वहीं मध्य प्रदेश में सरकार बचाने-बनाने की होड़ में कोरोना से बचाव के न्यूनतम नियमों की धज्जियां उड़ाने का मसला भी खूब उठा। तमाम मसले उठते रहने के बावजूद देश की राजधानी दिल्ली में सरकार की नाक के नीचे जिस तरह से तब्लीगी जमात ने हजारों लोगों को एकत्र कर लिया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। जमात के नुमाइंदों ने एक अतंर्राष्ट्रीय संकट को नहीं समझा और पूरी दुनिया से लोगों को एकत्र कर कोरोना के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। शुरूआती दौर में कुछ ऐसी ही जिद शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी भी कर रहे थे। यदि शाहीनबाग सहित ऐसे तमाम धरना स्थलों को खाली कराने के लिए सरकारों ने समयबद्ध सख्ती दिखाई होती, तो तब्लीगी जमात जैसे आयोजनों से बचा जा सकता था। अब यहां से कोरोना वायरस लेकर निकले धर्म प्रचारक देश के विभिन्न हिस्सों में ही नहीं दुनिया में जगह-जगह गए होंगे और लोगों में मौत का डर बांट रहे होंगे, यह स्थितियां ज्यादा खतरनाक हो गयी हैं।
भारत में कानून का पालन न करना एक फैशन सा बन गया है। कनिका कपूर के खिलाफ लखनऊ में आधा दर्जन मुकदमे तो लिखा दिये गए किन्तु लोग खुलकर कह रहे हैं कि जिसकी पार्टी में एक पूर्व मुख्यमंत्री, एक मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री सहित सत्ता शीर्ष के तमाम भागीदार आए हों, ठीक होने के बाद भी उसे जेल भेजा जाएगा, यह मुश्किल है। इसी तरह तब्लीगी जमात के आयोजकों के खिलाफ मुकदमा लिखाने के आदेश तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दे दिये हैं किन्तु मुकदमे के बाद उन्हें सजा तक ले जाने की पहल किस शिद्दत से होगी यह तो वक्त ही बताएगा। दरअसल कोरोना जैसी महामारी के प्रति सजगता न बरतने वाले लोग या संगठन एक तरह से हत्यारे जैसी भूमिका में हैं। इनके खिलाफ मुकदमे भी उसी तरह से कराए जाने चाहिए और सजा दिलाने तक की कोशिशएं भी उसी गंभीरता से होनी चाहिए। ऐसा न होने पर लोग सरकारों के आदेशों को ठेंगा दिखाकर मनमानी करते रहेंगे।
सरकार के अलावा आम जनमानस को भी ऐसे लोगों व संगठनों के प्रति सतर्क रहना होगा। इसमें वास्तविक निरपेक्षता भी जरूरी है। आज तब्लीगी जमात द्वारा लोगों को एकत्र किए जाने की आलोचना कर रहे लोगों को उनकी आलोचना भी करनी चाहिए थी, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता कर्फ्यू की घोषणा का मखौल उड़ाते हुए जुलूस निकाले थे। साथ ही उन लोगों को भी मुखर होकर तब्लीगी जमात की आलोचना की पहल करनी होगी, जिन पर कथित रूप से सेक्युलर होने के आरोप लगते हैं। इतना तो तय है कि तब्लीगी जमात ने भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में कोरोना के प्रसार में महती भूमिका का निर्वाह किया है। ऐसे में इस संगठन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की पहल की जानी चाहिए। जिस तरह से पूरी दुनिया में कोरोना का प्रसार विस्तार ले रहा है, ऐसे में हर कदम सावधानी से उठाया जाना चाहिए। पूरे देश में लॉक डाउन के बावजूद सड़कों पर उतरे हजारों लोगों की चिंता भी की जानी चाहिए। अभी शहरों तक सीमित कोरोना यदि गांवों में फैल गया तो स्थिति दुरूह हो जाएगी। इसके लिए सामूहिक व निरपेक्ष पहल करनी होगी। कोरोना के अपराधियों को सजा सुनिश्चित कराने के लिए कोरोना के योद्धाओं का मनोबल बढ़ाने की पहल भी जरूरी है। ऐसा न हुआ तो एक बड़ी जानलेवा चुनौती मुंह बाए खड़ी हो, जिससे निपटना कठिन हो जाएगा। सबको मिलकर पहल करनी होगी और कोरोना को हराना होगा।
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डॉ.संजीव मिश्र

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