प्रशासन व किसानों के बीच हुई वार्ता पर नहीं बनी सहमती

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पकंज सोनी, भिवानी:
गांव नीमड़ीवाली व आस-पास के अन्य गांवों में हरियाणा बिजली वितरण निगम व बिजली बोर्ड द्वारा खड़े किए जा रहे टॉवरों को लेकर पिछले काफी लंबे समय से किसानों की सरकार, जिला प्रशासन व अधिकारियों के खिलाफ संघर्ष चला हुआ है। यह जानकारी देते हुए भारतीय किसान युनियन चढुनी के जिला प्रधान राकेश आर्य नीमड़ीवाली ने बताया कि बिजला टॉवरों के मामले के समाधान को लेकर नीमड़ीवाली धरने के किसान सतबीर जांगड़ा नीमड़ीवाली, पंच कुलबीर बोहरा, राजेश, रघबीर खरबास, चन्द्र दहिया, सांगवान खाप के पूर्व प्रवक्ता राजेन्द्र सिंह डोहकी का एक प्रतिनिधि मण्डल जिला प्रशासन से वार्ता के लिए भिवानी पहुंचा लेकिन प्रशासन के साथ उनकी वार्ता में किसी भी मुद्दे पर सहमती नहीं बनी। उन्होंने बताया कि टॉवर लगने के बाद उनकी भूमि की उपजाऊ शक्ति खत्म हो जाएगी तथा किसानों की भूखे मरने तक की नौबत आ जाएगी।

इसीलिए किसान टॉवरों की ऐवज में मुआवजे की मांग कर रहे है, ताकि वे अपने परिवार का भरष-पोषण कर सकें। उन्होंने बताया कि किसानों का एक प्रतिनिधि मण्डल प्रति टॉवर 30 लाख रुपए तथा जिसके खेत से बिजली की लाईन जा रही है, उसे प्रति एकड़ 25 लाख रुपए मुआवजा या प्रति माह का किराया दिए जाने की मांग को लेकर जिला प्रशासन से वार्ता के लिए पहुंचा था लेकिन यह वार्ता असफल रही।
उन्होंने बताया कि उपरोक्त मांगों व प्रशासन के साथ हुई बातचीत तथा बिना मुआवजा दिए किसानों के खेतों में जबरदस्ती टॉवर खड़े करने के विरोध में 8  सितंबर को प्रात: 10 बजे गांव नीमड़ीवाली में किसान धरने पर किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस किसान पंचायत में किसानों को उनके अधिकार दिलाने के लिए आगामी रणनीति बनाई जाएगी।

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