फैमिली आईडी में आ रही परेशानियों का सिलसिला लगातार जारी

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The series of problems coming in Family ID continues
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करनाल, इशिका ठाकुर :

करनाल में प्रॉपर्टी आईडी के बाद अब लोग फैमिली आईडी और राशन कार्ड को लेकर काफी परेशान हो रहे हैं और लोग ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन लोगों की परेशानी है कि थमने का नाम नहीं ले रही है, फैमिली आईडी में किसी के 2 साल के बच्चे की इनकम ढाई लाख दिखा दी गई है ।तो कहीं अतिरिक्त जिला उपायुक्त के कार्यालय में अपनी फैमिली आईडी की समस्या को लेकर पहुंची विधवा महिला के पति की आय को भी फैमिली आईडी में जोड़ दिया गया है। लेकिन अधिकारी है कि महिला के पति की इनकम फैमिली आईडी से काटने के बजाय महिला का बीपीएल कार्ड ही काट दिया है।

वही करनाल अतिरिक्त जिला उपायुक्त के कार्यालय में पहुंचे गांव रसूलपुर निवासी एक व्यक्ति विजेंद्र ने बताया कि उसके 2 साल के बच्चे की फैमिली आईडी में ढाई लाख इनकम दिखाई गई है और उसी के साथ उसके बुजुर्ग पिता की आय 2 लाख 50 हजार से 5 लाख इनकम दिखाई गई है और इनका कहना है कि वह कई महीनों से लगातार ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है

विधवा महिला ने कहा की

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फैमिली आईडी में आ रही समस्या की शिकायत लेकर विधवा महिला का कहना है कि उनकी फैमिली आईडी में पति का नाम तो जरूर काट दिया गया है वही अतिरिक्त जिला उपायुक्त के कार्यालय पहुंची विधवा महिला ने बताया कि फैमिली आईडी में हुई गलती का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है । महिला ने कहा की उनके पति की मृत्यु हो चुकी है उनकी फैमिली आईडी में पति का नाम तो जरूर काट दिया गया है , लेकिन पति की इनकम ज्यों की त्यों दिखाई गई है जिसके कारण उन्हें पिछले 8 महीने से राशन मिलना भी बंद हो गया है।महिला का यह भी कहना है कि यदि उनकी इनकम इतनी है तो फिर उन्हें किराए के मकान में क्यों रहना पड़ रहा है। महिला के 4 बच्चे हैं।

कई महीनों से लगातार ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं कोई भी सुनने वाला नहीं ऑफिस में पहुंचे ज्यादातर लोगों की यही समस्या देखने को मिली रही है परेशान लोग लगातार ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं।

करनाल अतिरिक्त उपायुक्त डॉक्टर वैशाली शर्मा ने कहा की उनके संज्ञान में यह मामला आया है जिसमें यह पाया गया है कि बिजली का मीटर बच्चे के नाम से करवा दिया गया है। जिसके कारण प्रदेश मुख्यालय द्वारा इनकम डाल दी गई है लेकिन लोकल कमेटी तथा सेक्टर कमेटी द्वारा की गई वेरिफिकेशन में इस बच्चे की इनकम जीरो दिखाई गई है। अतिरिक्त उपायुक्त का कहना है कि बिजली का मीटर बच्चे के माता-पिता द्वारा ही उसके नाम करवाया गया है। जिसे ठीक करवाने के लिए बच्चे के माता-पिता को बोल दिया गया है।

बिजली वितरण निगम शहरी क्षेत्र के कार्यकारी अभियंता अश्वनी कौशिक

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इस संबंध में जब उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम शहरी क्षेत्र के कार्यकारी अभियंता अश्वनी कौशिक ने बताया कि 2 साल के बच्चे के नाम बिजली का मीटर नियमानुसार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फैमिली आईडी में बिजली के मीटर को लेकर कई त्रुटियां उनके समक्ष आई हैं जिन्हें समय अनुसार ठीक किया जा रहा है।

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