Utterkatha-The path of relief will open in UP only with the participation of public representatives: जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से ही खुलेगा यूपी में राहत का रास्ता

0
276

उत्तर प्रदेश में बीते पांच दिनों से कोरोना संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की शुरूआत हुयी है। योगी मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को भी अब काम पर लगाया गया है और हालात को काबू में करने के साथ ही राहत पहुंचाने व अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में उनका सहयोग लिया जा रहा है। दो सप्ताह तक क्वारेंटाइन सी हालात में रहे यूपी के मंत्रियों ने भी युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामूहिक उत्तरदायित्व के नतीजे भी तेजी से सामने आने लगे हैं। बीते एक सप्ताह में प्रदेश में हर रोज होने वाले कोरोना टेस्ट अब दो गुने बढ़ गए हैं। नयी लैब काम करने लगी हैं। अस्पतालों में आइसोलेशन बेड बढ़े हैं। प्रदेश में लगातार घट रहे स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क को देखते हुए निबंधन के काम शुरू कर दिए गए हैं। प्रदेश भर में ई स्टांप की बिक्री शुरू हुयी है। वाहन करों के जमा करने की व्यवस्था शुरू की गयी है। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में शराब की बिक्री शुरू करने को लेकर समिति के सुझाव मांगे गए हैं। सरकारी गेहूं की खरीद में आनलाइन टोकन सिस्टम लागू कर दिया गया है। किसानों को गेंहूं कि मड़ाई को लेकर हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए हार्वेस्टरों के रेट फिक्स कर दिए गए हैं।
कुल मिलाकर अब तक सीएम योगी की टीम इलेवन यानि महज चंद अधिकारियों के भरोसे रही कोरोना संकट से निपटने की कवायद अब ज्यादा लोकतांत्रिक ढर्रे पर आ गयी है। फिलहाल सरकार चलाने के जिम्मेदार मंत्री अपनी भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि अभी इसे पटरी पर आने में समय लगेगा और देखना होगा कि बिना जनाकांक्षाओं के बोझ के अपनी मनमर्जी से जनता को हांक रहे अधिकारियों को ये कितना सुहाएगा।
इस सामूहिक उत्तरदायित्व के सुखद नतीजों में सबसे पहला यह है कि कोरोना संकट के चलते जारी लाकडाउन में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निदेर्शों के बाद अब उत्तर प्रदेश में 20 अप्रैल से पूर्वांचल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे सहित कई बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू होगा। योगी सरकार ने कुछ शर्तों के साथ संपत्तियों की रजिस्ट्री की भी अनुमति दे दी है। हालांकि संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए केवल ई स्टांप ही स्वीकार किए जाएंगे। वाहनों के कर भी आनलाइन जमा किए जा सकेंगे। दूसरे प्रदेशों के वाहन भी उत्तर प्रदेश में आनलाइन टैक्स जमा कर सकेंगे।
अपर मुय सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने देश के नाम संदेश दिया है उसी क्रम में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश आ गए हैं। निदेर्शों के मुताबिक 20 तारीख से कतिपय शर्तों के साथ कुछ क्षेत्र में इकोनामिक एक्टिविटीज को बढ़ाया जाएगा। अवस्थी ने बताया कि 20 अप्रैल से जो केंद्रीय गाइडलाइन हैं उसके ही मुताबिक बड़े निर्माण कार्यों को चालू किया जाएगा। कुछ शर्तों के साथ एक्सप्रेसवे, पुलों, सड़क व मेडिकल कॉलेज का निर्माण और बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट का निर्माण भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। शर्तों के मुताबिक ऐसी परियोजनाओं से जुड़े मजदूरों की चिकित्सा, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उनके रहने खाने-पीने की व्यवस्था उसी परिसर में तय की जाए जहां निर्माण के काम हो रहे हैं। औद्योगिक विभाग के लिए पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं। खाद्य संबंधी इकाइयों जैसे आटा, दाल व तेल मिलों को भी चालू किया जा चुका है। कर्मचारियों को लाने ले जाने की विशेष बस की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के सभी ईंट भट्ठों को भी चालू करने को कहा गया है।
उधर मुख्यमंत्री ने कहा है कि रजिस्ट्री के ई स्टांप खरीदने और बेचने की अनुमति बिना किसी विलंब के तुरंत दी जा रही है न्यूनतम स्टाफ के साथ कार्यालय भी खोलने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश में जो भी सचिवालय हैं वहां मंत्री जरूरी स्टाफ के साथ बैठ सकते हैं पेट्रोल पंप सीएनजी एलपीजी डीजल आदि कि सप्लाई पूरी तरीके से खोल दी जाएगी। अभी तक यहां आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई करने वालों व पास धारकों को ही ईंधन दिया जा रहा था।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के चलते इस बार गेहूं की सरकारी खरीद में आनलाइन टोकन व्यवस्था लागू की गयी है। ज्यादा दाम लेने की शिकायतों के चलते हार्वेस्टरों के रेट भी फिक्स कर दिए गए हैं। बुधवार के प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद का काम भी शुरू कर दिया गया है। हालांकि पहले दिन कुछ ही जिलों में खरीद केंद्रों पर काम शुरू हो पाया है। उतर प्रदेश में इस बार गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 1925 रुपया तय किया गया है। खरीद केंद्रो पर किसानों की अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए आनलाइन टोकन व्यवस्था शुरू कर दी गयी है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी पंजीकृत किसानों को खरीद केंद्रों के टोकन जारी कर रहे है। किसानों को सात दिन का आनलाइन टोकन जारी किया रहा है।इसकी सूचना किसानों को उनके पंजीकृत मोबाईल नं. पर एसएमएस के जरिये दी जा रही है। किसानों को विभाग द्वारा एसएमएस करके बताया जा रहा है कि उन्हें किस तारीख को किस खरीद केंद्र पर जाना है। जिन किसानों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया है वे भी किसान क्रय केंद्र पर जाकर वहां मौजूद प्रभारी से अपना आधारा कार्ड फोटो पहचान पत्र , बैंक पासबुक और खतौनी की प्रति देकर के अपना पंजीकरण करा सकते है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के चलते गेहूं कटाई में आ रही दिक्कतों को चलते प्रदेश सरकार ने हार्वेस्टरों के रेट तय कर दिए हैं। प्रदेश में जगह किसानों से इस बार कटाई के ज्यादा दाम मांगने की खबरें आ रही थीं। प्रदेश सरकार ने प्रति हेक्टेयर 2350 रुपये हार्वेस्टर के कटाई का रेट तय किया है। इसके अलावा गेहूं से भूसा बनाने के लिए 155 रुपये प्रति कुंतल का रेट तय किया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस बार केवल 3316 पंजीकृत हार्वेस्टरों को गेहूं की मड़ाई की इजाजत दी गयी है। गेहूं के रकबे को देखते हुए कम संख्या में हार्वेस्टरों के चलते किसानों से ज्यादा कीमत वसूलने की शिकायतें आ रही है। इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए हार्वेस्टरों के रिट फिक्स किए गए हैं। हाथ से कटाई का काम करने वालों को भी सामाजिक दूरी बरकरार रखते हुए इजाजत दी गयी है। इस बार बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश में किसान हाथ से भी गेहूं की कटाई का काम कर रहे हैं।
प्रदेश के प्रमुख कृषि सचिव देवेश चतुवेर्दी ने बताया कि गेहूं खरीद के लिए 5500 केंद्र पूरे प्रदेश में बनाये गये है। उन्होंने बताया कि लाकडाउन के बावजूद किसानों को अपनी फसल गेहूं खरीद केंद्रो तक लाने की छूट दी गयी है। एक वाहन पर एक साथ चार लोगों को भी आने जाने की छूट दी गयी है।प्रमुख सचिव ने बताया कि खरीद केंद्रो पर भीड-भाड़ से बचने के लिए किसानों को उनके मोबाईल नम्बरो पर मैसेज भेजा जा रहा है और काल भी की जा रही है।इस बात की व्यवस्था की गयी है कि वही किसान गेहूं खरीद केंद्र पर आये जिनको काल या मैसेज करके बुलाया गया है। खरीद केंद्रो पर सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। दुष्काल में भी उम्मीद यही है कि सामूहिक उत्तरदायित्व के सहारे उत्तर प्रदेश अब कोरोना संकट का बखूबी सामना कर सकेगा।

SHARE