The farmers did not eat the government’s food during the break: किसानों की नाराजगी-ब्रेक में नहीं खाया सरकार का खाना, साथ ले गई रोटी मिल बांटकर खाई

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नई दिल्ली। किसानों ने केंद्र सरकार पर अपना पूरा दबाव बना कर रखा है। केंद्र सरकार से नए कृषि कानून की वापसी की बात की जा रही है। दोनों के बीच बातचीत का दौर जारी है। किसान अपनी मांगों पर डटे हैं। आठ दिनों से लगातार जारी किसान आंदोलन में नए कृषि कानून की वापसी की मांग की जा रही है। देखना होगा कि दोनों के बीच कहां जाकर सहमति बनती है। आज सुबह से ही विज्ञान भवन में किसान नेताओं से बातचीत की जा रही है। जिसमेंकेंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बात कर रहे हैं। किसानोंकी सरकार के साथ नाराजगी का आलम यह है कि बैठक के दौरान ब्रेक क होने पर किसानों ने सरकार द्वारा दिए गए खाने को खाने से मना कर दिया और खुद अपने साथ लेकर गए खाने को ही आपस में मिल बांटकर खाया।

बता दें कि केंद्र सरकार से बात करने के लिए 40 किसान विज्ञान भवन में मौजूद हैं। एक किसान नेता ने कहा, “हम सरकार द्वारा दिए जाने वाले भोजन या चाय को नहीं ले रहे हैं बल्कि हम खुद अपना भोजन लाए हैं और बांटकर खा रहे हैं। किसानों से बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार लगातार किसानों के साथ मुद्दों पर चर्चा कर रही है। आज वार्ता का चौथा दौर है और मैं सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहा हूं। वहीं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि कृ​षि कानूनों में संशोधन से बात बनने वाली नहीं है, कृषि कानून रद्द करने के अलावा कोई और चारा नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से पूछा गया कि- आप कानून रद्द करवाना चाहते हैं या उनमें संशोधन तो उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि आज बात बनेगी। सभी काम होंगे, आज कानून वापसी होगी और किसान भी अपने घर जाएगा। बता दें कि पिछले 8 दिनों से किसान दिल्ली में आकर प्रदर्शन की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें फिलहाल इसकी इजाजत नहीं दी गई है। दिल्ली आने वाले अधिकांश रास्तों को सील कर दिया गया है।

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