Markanda River: कुरुक्षेत्र के गांव नैसी में मारकंडा नदी का तटबंध टूटा

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Markanda River: कुरुक्षेत्र के गांव नैसी में मारकंडा नदी का तटबंध टूटा
Markanda River: कुरुक्षेत्र के गांव नैसी में मारकंडा नदी का तटबंध टूटा

सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न
Markanda River (आज समाज), कुरुक्षेत्र: हिमाचल के नाहन में बादल फटने के कारण मारकंडा नदी खतरे के निशाल से ऊपर बह रही है।  आशंका है कि 10 हजार क्यूसेक पानी ओर मारकंडा नदी में आ सकता है। प्रशासन ने आसपास के गांव में मुनादी करवा दी है। लोगों को मारकंड़ा नदी के तटबंधों से दूर रहने की सलाह दी है।

वहीं आज अलसुबह कुरुक्षेत्र के गांव नैसी में मारकंडा नदी का तटबंध टूट गया है। पानी में 25 से 30 फुट तटबंध बह गया। अभी ग्रामीण अपने स्तर पर उसे बंध करने की कोशिश कर रहे हैं। तटबंध के टूटने से गांव जलबेहड़ा, टबरा, नैसी, शेरगढ़ बालापुर, दानीपुर, जंधेड़ी आदि गांव में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। हजारों एक धान की फसल जलमग्न हो चुकी है। खेतों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।

इन गावों में भी घुसा पानी

कठवा, कलसाना और पट्टी जामड़ा में घुटनों तक जमा है। गांव के लोग ट्रैक्टर पर बैठकर आना-जाना कर रहे हैं। इसके अलावा कई घरों में भी पानी घुस चुका है। ये परिवार ने मारकंडा मंदिर में शरण लिए हुए हैं। वहीं मदद नहीं मिलने से ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ रोष पनप रहा है। आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन की ओर से कोई राहत और मदद नहीं पहुंची है।

अभी 26 हजार क्यूसेक पानी बह रहा

Markanda River: कुरुक्षेत्र के गांव नैंसी में मारकंडा नदी का तटबंध टूटा
Markanda River

जानकारी के मुताबिक, अभी मारकंडा में करीब 26 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। रात तक मारकंडा में करीब 21 हजार क्यूसेक पानी था। अभी मारकंडा खतरे के निशान से थोड़ा नीचे बह रहा है, लेकिन दोपहर तक मारकंडा में करीब 10 हजार क्यूसेक पानी और आने की अशंका है, जिससे मारकंडा खतरे के निशान से ऊपर होकर बहेगा।

शाहबाद के कई गांवों में 5 हजार एकड़ फसल डूबी

शाहाबाद के 7 गांव कठवा, कलसाना, मलकपुर, गुमटी, पट्टी जामड़ा, तंगौर और मुगल माजरा में मारकंडा का पानी पहुंच चुका है। इसमें कठवा, कलसाना और पट्टी जामड़ा गांव में बाढ़ जैसे हालात है। अब मारकंडा में और पानी आने से इन गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ेगी। खेतों में पानी खड़ा होने से करीब 5 हजार एकड़ में खड़ी फसलें खराब हो चुकी हैं।

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