Supreme Court orders to maintain status quo till Tuesday: कर्नाटक का सियासी संकट-सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

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नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर संकट लगातार बना हुआ है। सरकार बचाने की कवायद चल रही है। इन सभी परिस्थतियों के बीच आज विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। शुक्रवार को कर्नाटकर विधानसभा स्पीकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। कर्नाटक स्पीकर विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने में देरी को लेकर कोर्ट में अपना प क्ष रखेंगे। इसके साथ ही एक साथ इस्तीफा देने वालों में से 8 विधायकों का इस्तीफा नामंजूर करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में वे आज अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। कल कर्नाटक के बागी विधायक बेंगलुरू में विधानसभा अध्यक्ष को अपने त्यागत्र सौंपकर वापस मुंबई आ गए। भाजपा नेता ने कहा कि विधायक उपनगरीय पोवई स्थित होटल रेनेशॉ लौट आए हैं और वे वहां दो दिन और रुकेंगे। यह विधायक कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर और कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन की 13 महीने पुरानी सरकार से समर्थन वापस लेकर शनिवार से यहां ठहरे हुए हैं। ऐसे में कर्नाटक की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।बागी विधायकों का पक्ष रख रहे सीनियर वकील एम रोहतगी ने मीडिया को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट को कहेंगे कि वे अपना आदेश लागू कराएं और स्पीकर जल्द से जल्द फैसला ले। यदि सभी विधायक स्पीकर के सामने पेश हुए हैं। एक शपथ पत्र दिया है और अब सुप्रीम कोर्ट गए हैं इसका मतलब साफ है कि वे त्यागपत्र देना चाहते हैं।

 

सुप्रीम कोर्ट  ने मंगलवार तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूरे तथ्य कोर्ट के सामने नहीं आ पाए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बागी विधायक अयोग्य ठहराए जाएंगे और न ही इस्तीफे पर फैसला होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि क्या अध्यक्ष को शीर्ष अदालत के आदेश को चुनौती देने का अधिकार है। 10 बागी विधायकों के इस्तीफों के मामले में फैसला करने का निर्देश देने के शीर्ष अदालत के गुरूवार के आदेश के खिलाफ कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के. आर. रमेश की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया।

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