Supreme Court heard the Ayodhya case for the third consecutive day: सुप्रीम कोर्ट ने लगातार तीसरे दिन अयोध्या मामले पर सुनवाई की

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में रोज सुनवाई कर रहा है। बता दें कि अयोध्या राम मंदिर मामले में मध्यस्थता से कोई हल नहीं निकला था जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई रोज करने बात कही थी। राम लला की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने दलीलें दी। राम लला विराजमान के वकील ने बुधवार को अदालत को बताया था कि लाखों भक्तों की ”अटूट आस्था यह साबित करने के लिए काफी है कि अयोध्या में पूरा विवादित स्थल भगवान राम का जन्म स्थान है। पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर शामिल हैं। पीठ ने शुक्रवार को तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति की उस रिपोर्ट का संज्ञान लिया था जिसमें कहा गया कि करीब चार महीने तक चली मध्यस्थता प्रक्रिया में कोई अंतिम सहमति नहीं बनी। मध्यस्थता समिति की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला ने की। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की तरफ से जो कांसुलर एक्सेस का प्रस्ताव किया गया था उसके साथ में शर्त के एक अलग पत्र भारत को भेजा गया था। इस प्रस्ताव को अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के अनुरुप विदेश मंत्रालय के अधिकारियों और कानूनी जानकारों की तरफ से मूल्यांकन किया जाना था, जिसने यह कहा था कि जाधव का कांसुलर एक्सेस विएन संधि के आर्टिकल 36 के तहत दिया जाना था।

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