Study Report: पेटीकोट कसकर बांधने से हो सकता है कैंसर

0
1297
Study Report: पेटीकोट कसकर बांधने से हो सकता है कैंसर
Study Report: पेटीकोट कसकर बांधने से हो सकता है कैंसर

Petticoat Cancer, (आज समाज), नई दिल्ली: पेटीकोट कसकर बांधने से कैंसर का खतरा हो सकता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। इस स्टडी में दो महिलाओं को ‘पेटीकोट कैंसर’ (Petticoat Cancer) के लिए उपचारित किया गया है, जो साड़ी के अंडरस्कर्ट यानी पेटीकोट की कमर की डोरी को कसकर बांधने से होने वाली स्थिति है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) केस रिपोर्ट्स में प्रकाशित यह अध्ययन पारंपरिक कपड़ों की प्रथाओं से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों पर प्रकाश डालता है।

कमर की डोरी का लगातार दबाव और घर्षण नुकसानदेह

उत्तर प्रदेश के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना है कि पारंपरिक साड़ी बांधने की पद्धति से ‘पेटीकोट कैंसर’ (Petticoat Cancer) व अन्य स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं। उन्होंने कहा है कि कमर की डोरी के लगातार दबाव और घर्षण से लंबे समय तक त्वचा में जलन हो सकती है और यह अल्सर का कारण बन सकती है। कुछ मामलों में इससे सूजन व अन्य त्वचा कैंसर विकसित हो सकता है।

डॉक्टरों ने स्थिति को पहले बताया था ‘साड़ी कैंसर’

चिकित्सकों के अनुसार प्रभावित महिलाओं में से एक ने बताया कि स्टडी में पारंपरिक कपड़ों की प्रथाओं से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को प्रकाश में लाया गया है। वहीं डॉक्टरों ने इस स्थिति को पहल ‘साड़ी कैंसर’ (Sari Cancer) बताया था। उनका कहना है कि यह कमर की डोरी की जकड़न है जो इसके लिए जिम्मेदार है।

कमर के चारों ओर कसकर बांधा पेटीकोट पहना था

लेखकों का कहना है कि 70 साल की एक महिला ने अपने दाहिने हिस्से, यानी पसलियों व कूल्हे की हड्डी के बीच एक दर्दनाक त्वचा अल्सर की समस्या बताई और वह इसका इलाज करवाना चाहती थी। उसे 18 महीने से यह समस्या थी और ठीक नहीं हो रही थी। लेखकों ने कहा है कि अल्सर के आसपास की त्वचा ने अपना रंग खो दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि महिला ने अपनी साड़ी के नीचे अपनी कमर के चारों ओर कसकर बांधा हुआ पेटीकोट पहना था।

महिला को दाहिने हिस्से में दो साल से था अल्सर 

डाक्टरों ने दूसरे मामले में करीब 60 वर्षीय महिला के बारे में बताया कि उसके दाहिने हिस्से में एक अल्सर था जो दो साल से ठीक नहीं हुआ था। वह 40 साल तक रोजाना लुग्डा पहनती थी। लेखकों ने लिखा है, लुग्डा को बिना पेटीकोट के कमर के चारों ओर बहुत कसकर बांधा जाता है। बायोप्सी में सामने आया कि दोनों महिलाओं को मार्जोलिन अल्सर था, जो स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (ulcerating skin cancer) का एक रूप है। उन्होंने कहा कि दूसरी महिला में, निदान के समय कैंसर उसके कमर में लिम्फ नोड्स में से एक में फैल गया था।

ढीले कपड़े पहनने की सलाह

लेखकों ने चेताया है कि तंग कपड़ों से लगातार दबाव के कारण अल्सर और संभावित त्वचा कैंसर हो सकता है। कमर पर लगातार दबाव अक्सर त्वचीय शोष की ओर ले जाता है, जो अंतत: क्षरण या अल्सर का रूप ले लेता है। तंग कपड़ों से लगातार दबाव के कारण इस जगह का अल्सर पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। लेखकों ने त्वचा पर दबाव को कम करने के लिए साड़ी के नीचे एक ढीला पेटीकोट पहनने की सलाह दी है और साथ ही त्वचा की समस्या होने पर ढीले कपड़े पहनने की सलाह दी, ताकि क्षेत्र ठीक हो सके।

यह भी पढ़ें : Sharda Sinha Death: पटना ले जाया जा रहा पार्थिव शरीर, आज नहीं होगा अंतिम संस्कार