Statement of CM Manohar Lal हरियाणा में विकास व पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने की कई पहल की गई : सीएम

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Statement of CM Manohar Lal

आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़
हरियाणा सरकार ने विकास व पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए कई पहल की हैं। राज्य सरकार द्वारा वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए ई-वाहन नीति के माध्यम से ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं।
ये विचार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरूग्राम के अपैरल हाउस में आयोजित ‘स्वच्छ वायु संवाद‘ के शुभारंभ अवसर पर अपने संदेश के माध्यम से रखे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के कुल 22 जिलों में से 14 जिलों पर एनसीआर की नीतियों का प्रभाव पड़ता है। प्रदेश का 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र एनसीआर में आता है। दिल्ली के बाद प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव हमारे क्षेत्रों पर रहता है।

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प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में पड़ने वाले जिलों की वायु गुणवत्ता की निगरानी में कई ठोस पहल की हैं। राज्य में 29 कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं जिनमें से 21 स्टेशन एनसीआर के 14 जिलों में स्थापित हुए हैं। इसके साथ ही, पिछले कई वर्षों से प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार की इनसीटू व एक्स सीटू नीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। इस दिशा में फसल अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए किसानों को पर्यावरण के अनुकूल कटाई उपकरण वितरित किए जा रहे हैैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही हरियाणा प्रदेश फसल अवशेष जलाने के मामलों से मुक्त हो जाएगा।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एनसीआर क्षेत्र के जिलों की वायु गुणवत्ता की निगरानी में कई ठोस पहल की गई हैं। राज्य में 29 कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए हैं इनमें से 21 स्टेशन एनसीआर के 14 जिलों में स्थापित किए गए हैं । हरियाणा प्रदेश बेहतर निगरानी और आम जनता में जागरूकता लाने के लिए और अधिक मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया में निरंतर अग्रसर है।

प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कुछ विशिष्ट और लक्षित क्षेत्रों की पहचान की गई है। इनमें सुधार करने के लिए प्रत्येक जिले में वायु प्रदूषण के हॉटस्पॉट को विभिन्न उपायों के माध्यम से ग्रीनस्पॉट में बदलने की योजना बनाई गई है। इनमें पौधारोपण, सड़कों की टॉपिंग, औद्योगिक उत्सर्जन का नियमन, वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण और सीएंडडी कचरे तथा ठोस कचरे का प्रबंधन शामिल है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे हॉटस्पॉट को ग्रीनस्पॉट में बदलने के लिए आम जनता को भी जागरुक किया जा रहा है। जहां तक औद्योगिक प्रदूषण के नियंत्रण का संबंध है हमने पहले ही अपने एनसीआर के जिलों में सभी रेड श्रेणी की इकाइयों में ऑनलाइन एमिशन मॉनिटरिंग डिवाइस स्थापित करने की अनिवार्यता बनाने की नीति अपनाई है। यह डिवाइस केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर से जुड़े हुए हैं ।

सभी उद्योग की उत्सर्जन गतिविधियों और राज्य की वायु गुणवत्ता पर निरंतर निगरानी रखने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय में एक समर्पित निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि इस दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम में तकनीकी विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, कार्यान्वयन एजेंसियों, नागरिक समाज संगठनों और उद्योगपतियों के सम्मेलन में वायु प्रदूषण के महत्वपूर्ण मुद्दों और उन्हें हल करने के सार्थक उपायों पर विचार-विमर्श होगा।

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