Shrimad Bhagwat Katha Mahendragarh : चौथे दिन की कथा में हुआ वामनावतार एवं श्रीकृष्ण जन्म का वर्णन

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कथा का रसपान करते प्रो. रामलीला शर्मा व अन्य श्रद्धालु।
कथा का रसपान करते प्रो. रामलीला शर्मा व अन्य श्रद्धालु।

Aaj Samaj (आज समाज), Shrimad Bhagwat Katha Mahendragarh, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
श्री भगवानदेव गुरु सेवा समिति महेंद्रगढ़ की ओर से शहर की दीवान कालोनी के प्रिंस वेंकट हॉल में चल रही 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा एवं साप्ताहिक ज्ञान उत्सव में गत दिवस बुधवार को चौथे दिन की कथा में महंत स्वामी दिनेशानंद जी महाराज के द्वारा भगवान वामनावतार एवं श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया गया ।

इस दौरान मास्टर अमरसिंह सोनी के निर्देशन में भगवान वामनावतार एवं श्रीकृष्ण जन्म की मनमोहक झांकियां भी प्रस्तुत की गईं, जिसमें भगवान वामनावतार के वेश में निशांत गुप्ता, वासुदेव के वेश में सुभाष झूकिया तथा भगवान कृष्ण के वेश में परतापुरिया परिवार से एक नन्हें बालक को सजाया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर रामबिलास शर्मा थे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में नपा प्रधान रमेश सैनी, पूर्व आप जिलाध्यक्ष डॉ. सुकेश दीवान, नरेश मित्तल रेवाड़ी एवं हैप्पी स्कूल के चेयरमैन सुभाष अग्रवाल भी वहां पहुंचे। सभी भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था यजमान रतन राठी सपरिवार, नीलम बहनजी एवं अमीता बहनजी की ओर से की गई।

जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है तब-तब भगवान अवतार लेकर पृथ्वी को अत्याचारों से मुक्त करते – रामबिलास शर्मा

मुख्य अतिथि रामबिलास शर्मा ने अपने संबोधन में बताया कि भगवान विष्णु ने स्वयं वामन अवतार के रूप में आकर दैत्य राजा बली का अभिमान चूर किया, श्रीकृष्ण ने अवतार लेकर कंस का वध किया, भगवान राम ने रावण का वध किया और नरसिंह अवतार ने हिरण्कश्यप का वध किया। उन्होंने कहा कि जब-जब इस पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है तब तब भगवान भी किसी न किसी रूप में अवतार लेकर इस पृथ्वी को अत्याचारों से मुक्त करते हैं।

श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए गुरुजी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि के समय कंस की कारागार में,भादो मास की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। श्री कृष्ण ने बड़े होकर अत्याचारी कंस का वध किया और अपने माता-पिता (देवकी-वासुदेव) को कारागार से मुक्त करवाकर पृथ्वी को अत्याचारों से मुक्त किया। इस प्रसंग से पूर्व वामन अवतार की कथा सुनाते हुए गुरुजी ने बताया की विष्णु भगवान ने स्वयं वामन का वेश बनाकर राजा बलि से तीन पग भूमि दान के रूप में मांगकर सारी पृथ्वी को नाप लिया और अंत में राजा बलि के सेवाभाव को देखकर उसे पाताल लोक का अधिपति बनाया।

इस अवसर पर समिति के प्रधान मुकेश झूकिया, संरक्षक मनोहर लाल झूकिया, प्रचार मंत्री सुरेश शर्मा, नितिन राजस्थानी, अक्खीराम सैनी, सुशील बिढ़ाट, समाजसेवी रामजीवन मित्तल, लाला फकीरचंद अटेली, व्यापार मंडल के प्रधान सुरेंद्र बंटी, पूर्व नपा प्रधान रीना बंटी, नरेश चेयरमैन, फूलचंद झूकवाले, विवेक मेहता मेडिकल वाले, पार्षद अशोक सैनी, पार्षद सरिता राठी, पार्षद प्रतिनिधि संजय राठी, पार्षद प्रतिनिधि हरिराम खन्ना, सुरेंद्र दायमा, राजेंद्र राठी कनीना एवं प्रवक्ता अमरसिंह सोनी सहित समिति के समस्त पदाधिकारी भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।

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