Sensex and 306 points sliding down to two months low, both of them sold heavily in HDFC:सेंसेक्स और 306 अंक लुढ़क कर दो महीने के निम्न स्तर पर, दोनों एचडीएफसी में भारी बिकवाली

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मुंबई। शेयर बाजारों में सोमवार को भी गिरावट का सिलसिला तीसरे दिन भी बना रहा और बीएसई सेंसेक्स 306 अंक लुढ़क कर बंद हुआ। कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच दो प्रमुख घरेलू वित्तीय कंपनियों एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के शेयरों में भारी बिकवाली से साथ प्रमुख सूचकांक नीचे आ गए। शेयर बाजारों में कुल मिलाकर 18 जुलाई से 3.05 प्रतिशत यानी 1,184.15 अंक की गिरावट आ चुकी है। तीस नामी शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 305.88 अंक यानी 0.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 38,031.13 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स का यह स्तर 17 मई के बाद न्यूनतम है। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 82.10 अंक यानी 0.72 प्रतिशत टूट कर 11,337.15 पर बंद हुआ। पिछले बृहस्पतिवर से 50 शेयरों वाला सूचकांक 3.03 प्रतिशत यानी 350 अंक नीचे आया है।

कारोबारियों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से पूंजी निकासी तथा रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी बाजार के प्रति धारणा प्रभावित हुई। सेंसेक्स के शेयरों में एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक को सर्वाधिक नुकसान हुआ तथा दोनों के शेयर क्रमश: 5.09 प्रतिशत और 3.32 प्रतिशत नीचे आये। निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बढ़ने की रपट से शेयरों को नुकसान हुआ। एचडीएफसी बैंक का सकल एनपीए बढ़कर 11,768.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गया यह उसके कुल बकाया कर्जों के 1.50 प्रतिशत के बराबर है। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में बैंक का एनपीए 9,538.62 करोड़ रुपये था जो कुल कज का 1.33 प्रतिशत था। बैंक ने एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) क्षेत्र के लिये भी प्रावधान बढ़ाया है।

नुकसान में रहने वाले अन्य प्रमुख शेयरों में कोटक बैंक, एचयूएल, बजाज फाइनेंस, आईटीसी, एसबीआई, महिंद्रा एंड महिंद्रा और पावरग्रिड में 3.08 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। मानसूनी बारिश औसत से कम होने के कारण कमजोर धारणा से तेल, साबुन जैसे दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों में आईटीसी और एचयूएल में क्रमश: 1.47 प्रतिशत और 2.67 प्रतिशत की गिरावट आयी। वहीं लाभ में रहने वालों में येस बैंक शीर्ष पर रहा। इसमें 9.49 प्रतिशत की तेजी आयी। उसके बाद क्रमश: वेदांता, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, मारुति और सन फार्मा का स्थान रहा। इनमें 3.85 प्रतिशत तक की तेजी आयी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आर्थिक नरमी बढ़ने और कंपनियों की आय अपेक्षाकृत कम होने से धारणा प्रभावित हुई और निवेशक बिकवाल रहे। इससे बाजार में गिरावट आयी। बड़ी कंपनियां भी अब इससे अछूती नहीं रहीं जबकि वे अबतक एफआईआई प्रवाह आकर्षित कर रही थी।

लेकिन धनाढ़्यों पर नए कर-अधिभार को लेकर चिंता तथा कंपनियों की पहली तिमाही में वित्तीय परिणाम कमजोर होने का बाजार पर असर होगा।’’ शेयर बाजारों के पास उपलब्ध अस्थायी आंकड़े के अनुसार शुद्ध आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 950.15 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 733.92 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। धनाढ्Þयों पर कर अधिभार बढ़ाने के प्रस्ताव से जुलाई में अबतक एफपीआई ने शेयर बाजारों से 7,700 करोड़ रुपये की निकासी की। कारोबारियों के अनुसर एशिया के अन्य बाजारों में नकारात्मक रुख से भी धारणा प्रभावित हुई। एशिया के बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंग सेंग, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्की नीचे रहे। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कमी की संभावना कम होने से वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट आयी।

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