दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर और लापता  पायलटों की तलाश जारी

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आज समाज, पठानकोट:

रणजीत सागर बांध झील में सेना के ध्रुव हेलीकॉप्टर एएलएच मार्क-4 के पांच दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद  लापता हुए दोनों पायलटों का अभी तक  कोई पता नहीं चल पाया है। इन लापता पायलटों को तलाशने के लिए नेवी, सेना तथा एयरफोर्स की चार टीमें शनिवार को दिन भर आसपास के क्षेत्र में जांच करने में जुटी रहीं पर घंटों जांच के बाद भी उनके हाथ कोई सफलता नहीं लग पाई। जानकारी के अनुसार इन चारों टीमों की अलग-अलग टुकड़ियों ने लापता पायलटों का पता लगाने के लिए दिन दिन भर  क्षेत्र का चप्पा-चप्पा छान दिया। सूत्रों से पता चला है की उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर गठित इन चारों टीमों में से पहली टीम ने फंगोता तथा धार के जंगलों में जांच की। उन्हें संदेह है कि संभवत हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद दोनों पायलट पैराशूट के माध्यम से आसपास के जंगलों में जा उतरे हो। दूसरी टीम में गोताखोर की ओर से जिस जगह पर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उस सारे एरिया में सर्च की जा रही है । तीसरी टीम लापता पायलटों को तलाशने के लिए डैम के तेज बहाव के कारण अन्य प्वाइंटों को जांच रही है। चौथी टीम हादसे के दौरान चश्मदीद रहे लोगों से बातचीत कर लापता पायलटों तक पहुंचने के प्रयास में जुटी हुई है । पता चला है की जांच टीम ने चश्मदीद अर्पण, केशव और फक्करदीन से भी बात की। इन्होंने जांच टीम को बताया कि दुर्घटना से तत्काल पहले  उनकी ओर से सारे मंजर को देखा गया था। उक्त लोगों ने जांच टीम को बताया कि मंगलवार सुबह करीब 11 बजे यह हेलीकॉप्टर फंगोता साइड से आया था। यह रणजीत सागर डैम में नीचे उड़ान पर था। जिससे प्रतीत होता है की  उसमें कोई तकनीकी खराबी आ गई थी। पायलट सेफ लैंडिंग के चक्कर में हेलीकॉप्टर को  बहसोली की और ले गए परंतु इसी दौरान लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर सफेदे के वृक्ष से टकराया जिससे उसका एक पंखा टेढ़ा हो गया। जैसे ही पायलटों ने इमरजेंसी लैंडिंग का प्रयास किया था तो  इसी दौरान उसके शेष  पंख  खुल गए  और हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। समाचार लिखे जाने तक  सभी टीम जांच में जुटी हुई थी। लापता पायलटों का फिलहाल कुछ पता नहीं चल पाया था। मालूम हो कि मंगलवार सुबह   सेना का हेलीकॉप्टर  सागर डैम की झील में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसके बाद से हेलीकॉप्टर में तैनात पायलटों का कोई पता नहीं चल पाया। इसके बाद नेवी, एयर फोर्स तथा सेना की टीमें लगातार लापता पायलटों को  ढूंढने में लगी हुई हैं।

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