संत कबीर की शिक्षा और संदेश आज भी प्रासंगिक: ढांडा

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Kamlesh-dhanda
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कैथल। महिला और बाल विकास राज्यमंत्री ने जिला और प्रदेशवासियों को संत कबीर दास जयंती की बधाई दी। ऐसी वाणी बोलिये मन का आपा खोय, औरन को शीतल करे खुद भी शीतल होय।  संत कबीरदास जी के इस दोहे का उल्लेख करते हुए राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने संत कबीर को नमन किया। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा गुरुवार को कैंप कार्यालय में संत कबीरदास जी की जयंती पर उन्हें नमन किया। राज्यमंत्री ने संत कबीर की शिक्षाओं और संदेश का अनुसरण कर जीवन को सफल बनाने के लिए प्रेरित किया।

संत शिरोमणि कबीर दास जी एक क्रांतिकारी संत थे, जिन्होंने सदैव अंधविश्वास का विरोध किया। संत कबीर ने व्यर्थ के पाखंडवाद का विरोध करते हुए लोगों का उचित मार्गदर्शन किया। उन्होंने समाज में फैली बुराइयों का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे समाज में इस प्रकार की सामाजिक बुराई मौजूद हैं, जिनको जड़ से खत्म किया जाना चाहिए। आधुनिकता के इस दौर में भी अंधविश्वास कायम है, जिससे समाज की उन्नत्ति के मार्ग अवरुद्ध होते हैं।

संतों ने दिखाई समाज को राह
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि हमारे संतों ने सदैव समाज को सही राह दिखाई है। हमेंं अपने संतों के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए, जिससे मानव का कल्याण होता है। हमें अपने संतों को सदैव स्मरण रखना चाहिए। यहा कारण है कि सरकार ने संतों की जयंती आयोजित करने की अनूठी शुरूआत की है, जिससे हमारी नई पीढ़ी अपने संतों-महापुरुषों से परिचित होती है। इससे संस्कृति का प्रचार-प्रसार भी होता है।

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