गुरदासपुर : शहीद फायरमैन चमन लाल जैसे जांबाजों का बलिदान राष्ट्र की अमूल्य धरोहर : एसएसपी

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नम आंखों से किया अशोक चक्र विजेता की शहादत को नमन
गगन बावा, गुरदासपुर:
1965 के भारत-पाक युद्घ में शहादत का जाम पीने वाले अशोक चक्र प्रथम श्रेणी विजेता फायरमैन चमन लाल का 56वां श्रद्घांजलि समारोह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की की अध्यक्षता में स्थानीय रेलवे स्टेशन पर शहीद की स्मृति में बने स्मारक पर आयोजित किया गया। इसमें एसएसपी डॉ.नानक सिंह आईपीएस, एसडीएम बलविन्द्र सिंह बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की पत्नी आशा रानी, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिन्द्र सिंह, शहीद सिपाही जतिन्द्र कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंसराज, स्टेशन मास्टर सुरेन्द्रा प्रसाद, सुपरिटैंडेंट राजेश कुमार, गुरदीप चंद आदि ने विशेष मेहमानों के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्घा सुमन अर्पित किये।समारोह को संबोधित करते हुए एसएसपी डॉ.नानक सिंह ने कहा कि शहीद राष्ट्र की अमूल्य धरोहर होते हैं, जो देश की एकता व अखंडता को बरकरार रखते हुए अपना बलिदान देकर देशवासियों को यह संदेश दे जाते हैं कि जब भी राष्ट्र पर कोई विपत्ति आए, देश के हर नागरिक को अपने अंदर देशभक्ति की अलख जगा उस विपत्ति का सामना करने के लिये हमेशा तैयार रहकर शहीदों की सोच पर पहरा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह शहीद फायरमैन चमन लाल के परिजनों के समक्ष नतमस्तक हैं, जिन्होंने 56 वर्ष बाद भी चमन लाल की शहादत की लौ को अपने दिल में प्रज्जवलित करके रखा है।
शहीद चमन लाल की शहादत को धूमिल नहीं होने देंगे: एसडीएम
एसडीएम बलविन्द्र सिंह ने कहा कि 56 वर्ष पहले भारत-पाक युद्घ में अपना बलिदान देने वाले फायरमैन चमन लाल की शहादत की गरिमा को जिला प्रशासन धूमिल नहीं होने देगा तथा वह इस रेलवे स्टेशन का नाम इस अमर शहीद के नाम पर रखवाने के लिए पूरा प्रयत्न करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन शहीद परिवारों के मान सम्मान के लिए वचनवद्घ है।
गुरदासपुर शहर को तबाह होने से बचाया था चमन लाल ने: कुंवर विक्की
कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि 1965 के भारत-पाक युद्घ के दौरान पाकिस्तानी जहाजों ने इस स्टेशन पर पैट्रोल से भरी मालगाड़ी की बोगियों पर बम्ब फैंके थे। इससे एक बोगी को आग लग गई। फायरमैन चमन लाल ने अपने प्राणों की परवाह किये बिना जलती हुई बोगी को बाकी बोगियों से अलग कर मालगाड़ी को सुरक्षित जगह पहुंचाया, मगर जलती हुई बोगी में विस्फोट होने से फायरमैन चमन लाल शहादत का जाम पी गए, मगर अपनी बहादुरी से पूरे गुरदासपुर शहर को तबाह होने से बचा गए। इनकी शूरवीरता को देखते हुए देश के तत्कालीन राष्ट्रपति ने इन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र प्रथम श्रेणी से नवाजा था। ऐसे वीरों के बलिदानों के समक्ष समूचा राष्ट्र नतमस्तक है। इस अवसर पर परिषद की ओर से शहीद के परिजनों सहित आए मेहमानों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर पूर्व सैनिक संघर्ष समिति के जिला प्रधान सूबेदार मेजर एस.पी.एस गोसल, कैप्टन गुरजीत सिंह बाजवा, सूबेदार गुरदयाल सिंह, मक्खन सिंह कोहाड़ आदि उपस्थित थे।
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