रोहतक : औघड़ पीर डेरे विवाद को लेकर प्रशासन ने झाडा पल्ला, दूसरे पक्ष ने गद्दी पर बैठाया महंत

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संजीव कुमार, रोहतक :

अस्थल बोहर स्थित औघड़ पीर डेरे पर धारा 145 होने के बावजूद भी दूसरे पक्ष ने एक महंत को गद्दीनशीन कर दिया, जिसको लेकर तनाव की स्थिति बन गई है। विवाद को लेकर प्रशासन के आला अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मामले को लेकर मिशन एकता समिति ने आंदोलन की धमकी दी है। समिति की प्रदेश अध्यक्ष कांता आलड़िया का कहना है कि जब डेरे को प्रशासन ने धारा 145 के तहत अपने अधीन ले रखा है तो किस नियम के तहत डेरे पर महंत को गद्दीनशीन किया गया है, जिससे साफ है कि कही न कही प्रशासन की मिलीभगत है, जिसकी वजह से पूरा खेल खेला गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझ कर प्रदेश में जातपात का जहर घोल टकराव की स्थिति पैदा करना चाहती है। बुधवार को काफी संख्या में कुछ गांव के लोगो ने एकत्रित होकर गांव अस्थल बोहर स्थित औघड पीर डेरे पर एक महंत को गद्दीनशीन कर दिया। मामले का पता चलने पर औघड पीर डेरे के अनुयायियों की बैठक हुई और प्रशासन की इस कारवाई को लेकर कड़ी निंदा की गई। अनुयायियों का कहना है कि सोची समझी रणनीति के तहत अवैध तरीक्के से महंत को गद्दीनशीन किया गया है, जबकि गद्दी के असली हकदार महंत रमेशनाथ है, जिनका एसडीएम द्वारा धारा 145 की कारवाई में जिक्र भी किया गया है। मिशन एकता समिति की प्रदेश अध्यक्ष कांता आलडिया ने कहा कि किसी भी कीमत पर वह अवैध तरीक्के से अन्य महंत को गद्दीनशीन नहीं होने देगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन पूरी तरह से सरकार के दबाव में काम कर रहा है और औघड पीर डेरे अनुयायियों को न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही इस बारे में कुछ बताया गया, बल्कि दूसरे पक्ष ने जाकर गुपचुप तरीक्के से गद्दी पर महंत को बैठाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की इस तानाशाही को दलित समाज किसी कीमत पर सहन नहीं करेगा और इसका परिणाम प्रशासन व सरकार को भुगतना पड़ेगा। कांता आलडिया ने कहा कि जल्द ही दलित संगठनों की बैठक बुलाई गई है और इसको लेकर सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई शुरू की जाएगी। 

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