रोहतक : नौकरी से बाहर किए कर्मचारियों को बहाल करो, महंगाई भत्ते को केरल राज्य की तर्ज पर एरियर सहित जारी करें हरियाणा सरकार : सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा

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Address meeting organized Rohtak

संजीव कुमार, रोहतक :

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर केंद व राज्य सरकारों की जनविरोधी नीतियों एवं कर्मचारियों के लंबित मांग-मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस मनाया गया। इसके लिए सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान कर्मबीर सिवाच के नेतृत्व में आज सुबह मानसरोवर पार्क रोहतक में एकत्रित होकर संबोधन सभा का आयोजन किया गया इसके पश्चात कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन करते हुए जिला उपायुक्त कार्यालय पर ज्ञापन दिया गया। सभा मे बिजली, रोडवेज, पी डब्ल्यू डी, बी एंड आर 41 नंबर, स्वास्थ्य, नगर निगम, पब्लिक हेल्थ, जिला परिषद, रोजगार कार्यालय, पंचायती राज, पटवार खाना, वन मजदूर, मंडी बोर्ड, ग्रामीण आजीविका मिशन, पंचायती राज, तहसील कार्यालय , जिला उपायुक्त कार्यालय ,पटवार खाना, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, मार्कीट कमेटी,वेयर हाउस, हुड्डा विभाग, हरियाणा टूरिज्म के कर्मचारियों ने भाग लिया। इसका संचालन जिला सचिव जयकुवार दहिया ने किया। उन्होंने कहा कि आज कर्मचारियों में केंद्र एवं हरियाणा सरकार की जनविरोधी नीतियों के प्रति गहरा रोष है।

कर्मबीर सिवाच, जयकुवार दहिया ने कहा कि राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस की सभा एवं प्रदर्शन जहां जिला मुख्यालय पर हों रहा है, वंही महम, सांपला एवं कलानौर ब्लाक कमेटियों द्वारा भी कर्मचारियों एवं सहयोगी संगठनों के साथ हरियाणा की जनता को भी साथ लेकर सड़कों पर विरोध स्वरुप उतरे हैं जिसमें महम में रायसिंह नैहरा, सांपला में राजपाल सिंह, एवं कलानौर में जौगिंद्र दांगी ने ब्लॉक कमेटी साथ मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि करोना महामारी की आड़ में सरकार पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचाने के लिए देश की मेहनतकश जनता की खून पसीने की कमाई से खड़े किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण कर रही है, केंद्र सरकार का एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन की बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर अनुबंधित कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को लेकर घोर उपेक्षा पूर्ण रवैया जारी है, महंगाई भत्ते पर जनवरी 2020 से रोक लगाई हुई है, अनेक विभागों में कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है, जनता को सुरक्षित परिवहन सेवा देने वाले विभाग रोडवेज को साहुकार लोगों के हाथों में दिया जा रहा है, अब भी देश के नेताओं की कुंभकर्णी नींद टूटने का नाम नहीं ले रही, इस बारे चुप्पी साधे हुए है।

 इसके साथ ही पूंजीपतियों के हकों में जहां  44 लेवर कोड़ में संशोधन कर 4 श्रम कानूनों में बदल दिया गया है। वहीं किसान व खेती विरोधी तीनों काले कानूनों को संसद में जबरदस्ती पास कर दिया गया है, बिजली विधेयक बील 2020 बीना किसी सहमति पास करने के विरोध स्वरुप। केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा,स्वास्थ्य ,जनस्वास्थ्य, बिजली व परिवहन समेत सभी जनसेवाओं के विभागों का निजीकरण कर रही है। कर्मबीर सिवाच, जयकुवार दहिया, रणधीर कटारिया, कामरेड रामकीशन एवं मुकेश खर्ब ने कहा कि कोरोना महामारी से मौतों को लेकर दुनिया छोड़कर चले गए कर्मचारियों को 50 लाख रुपए नकद राशि एवं परिवार के आश्रित को पक्का रोजगार दिया जाए, 2010 में लगे पी टी आई व ड्राइंग अध्यापकों की नौकरी को खत्म करने के बाद खेल कोटे से लगे 1518 ग्रुप डी के कर्मचारियों सहित स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों के कच्चे कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। सभा एवं प्रदर्शन में मुख्य रूप से रोडवेज से सतबीर मुंढाल, हिम्मत राणा, रणबीर दहिया, बिजली से धर्मराज कुंडू, विकास दहिया, पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल से शिव कुमार, सुरैंद्र हुड्डा, मंजीत सिंह, राकेश लाकड़ा, हरियाणा टूरिज्म से जोगींद्र दलाल, सुभाष शर्मा, हुड्डा से प्रेम घिलौंडिया, जयभगवान चहल,हैमसा से मुकेश खर्ब, कमलकांत सहरावत, पटवार एसोसिएशन से जयबीर चहल व रणधीर कटारिया आदि मौजूद रहे।

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