चिकित्सक ऑफलाइन व ऑनलाइन इस सीएमई से जुडे

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संजीव कौशिक, Rohtak News:
भागदौड भरी जिंदगी और बाहर का खाना, शौक के लिए शराब का सेवन हमारे लीवर को धीरे-धीरे खराब कर रहा है क्योंकि अल्ट्रासाउंड करवाने पर हमें फैटी लीवर का पता चलता है तो हम उसको हल्के में ले लेते हैं, जो भविष्य में हमारे लीवर के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है।
यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति डाॅ. अनिता सक्सेना का। वें पीजीआईएमएस में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग एवं एमडीटाॅक द्वारा यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फर्म के साथ मिलकर आयोजित की गई सीएमई में ऑनलाइन मुख्यअतिथि के तौर पर उपस्थित हुई थीं। मंच का संचालन डाॅ. वाणी मल्होत्रा ने किया।

चिकित्सक ऑफलाइन व ऑनलाइन सीएमई से जुडे

इस अवसर पर चिकित्सकों को संबोधित करते हुए डाॅ. अनिता सक्सेना ने कहा कि संस्थान में गैस्ट्रो विभाग की सीएमई आयोजित करवाने के लिए वें डाॅ प्रवीण मल्होत्रा, डाॅ अभिषेक व यूसीआईएसपीएफ से डाॅ. चित्रा गुप्ता को बधाई देती हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें काफी खुशी है कि इतनी अधिक संख्या में चिकित्सक ऑफलाइन व ऑनलाइन इस सीएमई से जुडे हुए हैं। डाॅ. अनिता ने कहा कि सीएमई से विदेशों से भी विशेषज्ञ जुडे हैं, जिससे रिसर्च को काफी बढावा मिलेगा। कुलसचिव डाॅ. एचके अग्रवाल ने लीवर व किडनी की परेशानी होने पर कौन सी एंटीबाॅयोटिक देनी सुरक्षित रहती है, उसके बारे में बताया।

राष्ट्रीय हैपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम का रूप 

डीन डाॅ. कुलदीप सिंह लालर ने लीवर व हद्य की बिमारियों में आपस में क्या दुष्प्रभाव होता है, उसके बारे में जानकारी प्रदान की। सीएमई में सबसे पहला व्याख्यान डाॅ. प्रवीण मल्होत्रा ने दिया, जिसमें प्राचार्य डाॅ. संजय तिवारी व डीएसब्लू डाॅ. गजेंद्र सिंह ने सैशन चेयर किया। डाॅ. मल्होत्रा ने जरनी ऑफ हैपेटाइटिस इन हरियाणा विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि काले पीलिये की जीवन रेखा स्कीम अब राष्ट्रीय हैपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम का रूप ले चुकी है और हरियाणा सरकार के प्रयासों से इस स्कीम ने देश विदेशों में अपनी छाप छोडी है।

हरियाणा को बेस्ट स्टेट अवार्ड से नवाजा

इन्हीं प्रयासों की वजह से भारतीय सरकार द्वारा हरियाणा को बेस्ट स्टेट अवार्ड से नवाजा गया है क्योंकि हरियाणा ने नेशनल वायरल हैपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम को सबसे अच्छी तरह अपने प्रदेश में लागू किया। उन्होंने कहा कि वें मीडिया का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त करते हैं जिन्होंने हैपेटाइटिस सी और बी के बारे में लोगों को जागरूक किया क्योंकि 60 से 70 प्रतिशत लोगों में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते।

मेडिकल सांईस की तरक्की पर जोर 

डाॅ. प्रवीण मल्होत्रा ने सभी से अपील करते हुए कहा कि हमेशा अपने ज्ञान को बांटों ताकि सभी को बिमारी के लक्षणों के बारे में पता चल सके और वें समय पर उसका इलाज करवा सकें। उन्होंने बताया कि एमडीटाॅक के डाॅ. अभिजीत एवं डाॅ चित्रा गुप्ता ने उनकी संस्थाओं द्वारा विभिन्न देशों के चिकित्सकों को एक प्लेटफार्म पर लाकर मेडिकल सांईस की तरक्की पर जोर दिया। डाॅ. प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि सीएमई में लीवर खराब होने पर दूसरे अंगों पर पडने वाले प्रभावों पर वरिष्ठ चिकित्सकों डाॅ. एचके अग्रवाल, डीन डाॅ. कुलदीप सिंह लालर, डाॅ. सुरेखा डाबला, डाॅ. राजेश राजपूत, डाॅ. संदीप गोयल व डाॅ. परमजीत गिल के पैनल ने अपने विचार रखे।

मोटापे के दुष्प्रभाव पर व्याख्यान दिया

यूएसए से डाॅ. सलीम ने क्रोन डिसीज पर, डाॅ.अमनदीप सिंह ने सिलियक डिसीज पर एवं डाॅ. ईमाद आसाद ने लीवर पर मोटापे के दुष्प्रभाव पर व्याख्यान दिया। डाॅ. मल्होत्रा ने बताया कि सीएमई के सफल आयोजन के लिए प्राचार्य डाॅ.संजय तिवारी, डीएसडब्लू डाॅ. गजेंद्र सिंह व डाॅ. वाणी ने काफी योगदान दिया। सीएमई में अनेकों विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया जैसे कि डाॅ. विरेंद्र चैहान, डाॅ. भगत सिंह, डाॅ. चारू गुप्ता, डाॅ. दीपक जैन, डाॅ. जसमिंद्र,डाॅ. जगजीत दलाल, डीएमएस डाॅ. संदीप, डाॅ. हरनीत सिंह, डाॅ. सुमित सचदेवा, डाॅ. आशिमा, डाॅ. सुखदेव चांदला, डाॅ. हेमंत मोर, डाॅ. रितू ,डाॅ. सविता वर्मा, डाॅ. बीना, डाॅ. सतपाल, डाॅ. गजेंद्रा, डाॅ. रजनीश कालरा, डाॅ. वासवानी, डाॅ. सीमा, डाॅ. सतीश गुलाटी, डाॅ केदारनाथ गर्ग आदि उपस्थित थे।
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