रोहतक: ऐडेड कॉलेजों में नॉन टीचिंग स्टाफ की समस्याओं से कराया अवगत

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Demand letter submitted to Education Minister Kanwarpal
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संजीव कुमार, रोहतक:

हरियाणा ऐडेड कॉलेजेज नॉन टीचिंग एम्प्लॉय यूनियन का एक शिष्टमंडल अपनी मांगों को लेकर वीरवार को शिक्षा मंत्री कंवर पाल, आनंद मोहन शरण एसीएस उच्चतर शिक्षा विभाग और निदेशक विजय सिंह दहिया से आमंत्रित समयानुसार चंडीगढ़ में हरियाणा निवास स्थान पर मिला। यूनियन के प्रधान सुरेन्द्र धिमाना और महासचिव सोहन लाल ने शिक्षा मंत्री को ऐडेड कॉलेजों में नॉन टीचिंग स्टाफ की समस्याओं से अवगत कराया। प्रधान सुरेन्द्र धिमाना ने बताया कि सरकार ने एक्स ग्रेशिया /कंपैशनेट फाइनेंशियल एसिस्टेंस पॉलिसी सभी सरकारी विभागों पर भी लागू की है, वही पॉलिसी सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों पर भी लागू हो । उन्होंने इस बात से भी अवगत कराया कि उनकी डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी की फाइल पिछले 3-4 साल से शिक्षा विभाग में लंबित है उसे क्लियर करवाया जाए । इसके साथ ही यूनियन ने शिक्षा मंत्री को बताया कि उनका एसीपी का मामला अभी माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है और माननीय उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच अपने फैसले में कहा है की यदि सरकार चाहे तो उन्हें एसीपी सहित अन्य लाभ दे सकती है।

जब तक मामला माननीय न्यायालय में लंबित है तब तक एसीपी व्यवस्था को पहले की तरह निरंतर जारी रखा जाए और एसीपी रिकवरी के मामले में शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एसीपी केस में कोई रिकवरी ना हो । यूनियन के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री को इस बात से भी अवगत कराया की इन कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों पर सारे सर्विस एवं लीव रुल्स रेगुलेशन हरियाणा सरकार के लागू होते हैं । इनमे कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर रिटायरमेंट तक सभी निर्देश व नियम हरियाणा सरकार के हैं । इन कॉलेजों को 95प्रतिशत अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है । स्टाफ की सिलेक्शन यूजीसी और हरियाणा सरकार के नियमानुसार होने के साथ ही सलेक्शन टेस्ट और साक्षात्कार में उच्चतर शिक्षा विभाग के नॉमिनी और यूनिवर्सिटी नॉमिनी होते हैं । यहां तक कि फाइनल अप्रूवल भी डीएचई, पंचकुला द्वारा दी जाती है । फिर भी जब इनमे कार्यरत कर्मचारियों को भत्ते और अन्य लाभ देने की जब बारी आती है, तो सरकारों द्वारा हर बार इनकी अनदेखी की जाती है ।

पदाधिकारियों ने शिक्षामंत्री को इस बात से भी अवगत कराया की इन कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों के सर्विस एवं लीव रुल्स रेगुलेशन में जो भी संशोधन हुए है, तो हरियाणा सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर 2016 के सर्विस और लीव रुल्स लागू किए जाए, इस मामले में विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला लगभग अंतिम चरण में है । इसके अलावा संशोधित मकान किराया भत्ता सभी विभागों में लागू हो गया है लेकिन ऐडेड कॉलेजों की फाइल शिक्षा विभाग और वित विभाग की कार्यप्रणाली में उलझी हुई है । इसके साथ ही यूनियन ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि इन कालेजों में कर्मचारियों को अनेकों समस्याएं हैं और सरकारी महाविद्यालयों में अधिकांश पद खाली पड़े हैं तो एडेड स्टाफ को टेकओवर करके सरकारी कॉलेजों में समायोजित करे। टेकओवर करके सरकारी कॉलेजों में समायोजित करने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम इस विषय पर विचार कर रहे हैं । शिक्षामंत्री कंवर पाल और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सभी विषयों को सुना और यूनियन को आश्वस्त किया कि जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा । इस मीटिंग में उपप्रधान राम कुमार, बिजेंद्र कादयान, सोहन सिंह और सतपाल शर्मा उपस्थित रहे ।

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