रोहतक : मांगों को लेकर एक मंच पर आए ओबीसी समाज के सभी संगठन

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Meeting organized at Gymkhana Club, Sector 4, Rohtak
Meeting organized at Gymkhana Club, Sector 4, Rohtak

संजीव कुमार, रोहतक :

ओबीसी समाज से जुड़े विभिन्न सामाजिक संगठनों ने एक मंच पर आकर अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया है। इसको लेकर ओबीसी वर्ग के विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को रोहतक के सेक्टर चार स्थित जिमखाना क्लब में आयोजित की गई बैठक का आयोजन कुलदीप केडी व लौकीराम प्रजापति ने किया तथा अध्यक्षता  रामदिया रतेवाल ने की। बैठक में समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करते हुए आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। इसके साथ ही केंद्र व राज्य सरकार से मांग की गई कि ओबीसी वर्ग से जुड़ी मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। बैठक में जनगणना 2021 के अंतर्गत ओबीसी वर्ग की भी जाति के आधार पर गणना कराने की मांंग को प्रमुखता के साथ उठाया गया। समाज के प्रतिनिधियों ने इस मांग की पुरजोर पैरवी करते हुए कहा कि अगर सरकार जातिगत आधार पर जनगणना कराए तो गणना के आधार पर मिले आंकड़ों से आरक्षण से संबंधित अनेक विवाद स्वयं ही खत्म हो जाएंगे। इसके साथ ही क्लास वन व टू में ओबीस वर्ग को दिया जाने वाला आरक्षण 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि अभी तक तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में ओबीसी समाज को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, लेकिन प्रथम व द्वितीय श्रेणी में आरक्षण कम दिया जा रहा है, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि हरियाणा में भी प्रथम व द्वितीय क्षेणी के पदों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाए। आल इंडिया बैकवर्ड क्लास फैडरेशन के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने उठाया क्रीमिलेयर के लिए इंद्रा साहनी बनाम यूनियन आफ इंडिया का मुद्दा बैठक के दौरान ओबीसी समाज के प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार द्वारा क्रीमिलेयर की सीमा निर्धारण के लिए गत 28 अगस्त 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन पर कड़ा ऐतराज जताया। आल इंडिया बैकवर्ड क्लास फैडरेशन के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने  कहा कि सरकार के इस नोटिफिकेशन में कर्मचारियों के वेतन व कृषि आय को शामिल कर दिया गया है, जिससे एक चपरासी के बच्चे को भी आरक्षण का लाभ नहीं मिलता, जबकि क्रीमिलेयर को लेकर 1992 में इंद्रा साहनी बनाम यूनियन आफ इंडिया मामले में नौ जजों की संवैधानिक पीठ का फैसला पूरे देश में लागू है। उन्होंने मांग की कि प्रदेश सरकार अपना नोटिफिकेशन वापस ले और उसे पूर्व की तरह लागू किया जाए ताकि ओबीसी समाज के बच्चे अपने संवैधानिक हक से वंचित न रहे।
महम चोबीसी के चबूतरे पर 29 अगस्त को होगी महापंचायत
बैठक के दौरान वक्ताओं व उपस्थित प्रतिनिधियों ने बीजेपी सरकार की आरक्षण विरोधी मानसिकता पर गहरा रोष प्रकट किया। मंच के माध्यम से आह्वान किया गया कि अगर समय रहते सरकार ने पिछड़ा वर्ग के साथ न्याय नहीं किया तो जल्द ही बहुत बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसको लेकर 29 अगस्त को महम चोबीसी के चबूतरे पर समाज की एक महापंचायत करने का फैसला लिया गया, जिसमें आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
ये रहे उपस्थित

बैठक में कुलदीप केडी, एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल, लौकी राम प्रजापति भूपेंद्र गंगवा, राजेंद्र तंवर, पूर्व पार्षद शमशेर कश्यप कुरूक्षेत्र, जितेंद्र जांगड़ा, कृष्ण बैरागी, योगेंद्र योगी पूर्व चेयरमैन केश कला बोर्ड, भारतीय स्वर्णकार संघ के प्रदेशाध्यक्ष छत्रपाल सोनी, पूर्व चेयरमैन अशोक वर्मा,तेलुराम जांगड़ा, शैलेश वर्मा, देशराज कंबोज, राजेंद्र ठाकुर, लोकराम प्रजापति, प्रोमिला सैनी, कमलेश पांचाल, रामकिशन सैन, रामनिवास पांचाल, दरबारी लाल चौहान, करनाल से अमरजीत धीमान, दिनेश सैन, मास्टर देशराज, सुखवीर प्रजापत, राजीव सेन, राजेंद्र सिंह, कृष्ण स्वामी, शमशेर, महेंद्र पांचाल, जयभगवान ठेकेदार, शमशेर कश्यप व दिनेश सैन सहित विभिन्न जिलों से प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया ।

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