कन्या भ्रूण हत्या की जानकारी देने वाले को इनाम: डॉ. देविंदर ढांडा

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Reward to the person who gives information about female feticide: Dr. Devinder Dhanda

जगदीश, नवांशहर:

  • गर्भावस्था के दौरान लिंग परीक्षण करना और करना दोनों ही गंभीर अपराध हैं
  • जिला पीसीपीएनडीटी सलाहकार समिति की बैठक आयोजित

सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा की अध्यक्षता में जिला पीसीपीएनडीटी आज। सलाहकार समिति की बैठक हुई, जिसमें पीसीपीएनडीटी. अधिनियम के तहत जिला अस्पताल नवांशहर केडीपीएल के तहत। पीसीपीएनडीटी डायग्नोस्टिक (एसएएस नगर) प्राइवेट लिमिटेड को नई सीटी स्कैन मशीन खरीदने की अनुमति देगा। अधिनियम के सख्त कार्यान्वयन के साथ-साथ बंगा में एक नए अल्ट्रासाउंड स्कैन और डायग्नोस्टिक सेंटर के पंजीकरण सहित विभिन्न एजेंडा पर चर्चा की गई। इससे पूर्व स्वास्थ्य कार्यकर्ता हरनेक सिंह ने बैठक के एजेंडे की विस्तृत जानकारी जिला सलाहकार समिति के सदस्यों को दी।

अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच

इस अवसर पर बोलते हुए सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा ने कहा कि जिले में पीसीपीएनडीटी कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए अधिनियम को सख्ती से लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर स्वास्थ्य विभाग कड़ी नजर रखे हुए है और जिले में लगातार अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच की जा रही है। लैंगिक अंतर को कम करने के लिए समाज में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ हर वर्ग को सहयोग के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गर्भावस्था के दौरान लिंग परीक्षण करना और प्रदर्शन करना दोनों ही अपराध है। इस अपराध में शामिल डॉक्टर से लेकर परीक्षक और परीक्षा आयोजित करने वाले व्यक्ति को समान रूप से दोषी माना जाता है और दोषी पाए जाने पर कम से कम तीन साल की कैद हो सकती है।

सामाजिक बुराई को मिटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से गंभीर

इस अवसर पर जिला परिवार कल्याण अधिकारी डाॅ. राकेश चंद्रा ने कहा कि भ्रूणहत्या जैसी सामाजिक बुराई को मिटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से गंभीर है, जिसके लिए जिले में पी.सी. पीएनडीटी कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान को गति देने के लिए पंजाब सरकार ने लिंग निर्धारण परीक्षण कराने वाले केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है। पीएनडीटी फर्जी मरीज को एक लाख रुपये और मुखबिर को 50 हजार रुपये का इनाम अधिनियम के पंजीकरण पर घोषित किया गया है, जिसके बाद स्कैनिंग केंद्रों के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है लेकिन अभी और सख्ती की जरूरत है।

ये थे उपस्थित

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनदीप कमल, डाॅ. गुरपाल कटारिया, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनिका जैन, जिला समूह शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जगत राम, सहायक जिला अटॉर्नी तेजवीर सिंह, एनजीओ सदस्य वीरबल ताखी, यशपाल सिंह, श्री पूरन पंकज शर्मा, प्रखंड विस्तार शिक्षक विकास विरदी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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