दुखों का भंजन करते हैं श्रीदुखभंजन Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

0
1254
Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

सन्निहित सरोवर तट पर स्थित प्राचीन श्रीदुखभंजन महादेव का मंदिर

आज समाज डिजिटल, अम्बाला:
Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows :
सन्निहित सरोवर के तट पर स्थित प्राचीन श्रीदुखभंजन महादेव पूजा करने वाले श्रद्धालु के दुखों का भंजन कर देते हैं। भगवान शिव के प्रिय श्रावण मास में यहां शीश नवाने वाले श्रद्धालु को विशेष फल की प्राप्ति होती है। सब से अहम बात है श्रावण मास में अधिक महत्व होने के कारण यहाँ से जाने वाले प्रत्येक कांवड़िये यहां शीश नवाए जाते है।

Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

मंदिर का इतिहास Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

महाभारत युद्ध से पूर्व पांडवों ने ही सन्निहित सरोवर के तट पर इसी जगह शिव¨लग की स्थापना कर विजय की प्राप्ति के लिए पूजा की थी और महाभारत युद्ध में पांडवों की जीत हुई। इसके बाद पांडवों ने युद्ध में मारे गए परिजनों की गति के लिए भी इसी के तट पर आत्मिक शांति के लिए पूजा की थी। इसके बाद श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा ने इस मंदिर का जीर्णोंद्धार किया गया। (Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows)

Read Also : रोगों से मुक्ति देती है देवी माँ शीतला माता Goddess Sheetla Mata Gives Freedom From Diseases

मंदिर की विशेषता Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

प्राचीन श्रीदुखभंजन महादेव मंदिर में संकल्प लेकर चालीस दिन तक जो भी श्रद्धालु निर्विघ्न यहां दीप प्रवज्वलित करता है, कहते हैं भगवान शिव उसकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस मंदिर की महिमा का उल्लेख कई धार्मिक पुस्तकों में भी मिलता है।कतारों को नियमित सुचारू रूप से चलाने के लिए ग्रिल लगाई गई है। श्रद्धालुओं द्वारा छोटे-छोटे पूजन कराने के लिए कर्मकांडी छात्रों की ड्यूटी लगाई गई है।

Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

भगवान शिव में और गहरा होता गया विश्वास Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा प्रधान यशेंद्र शर्मा ने बताया कि उनकी आस्था पिछले कई दशकों से मंदिर से जुड़ी है और इसके बाद उन्हें इसी मंदिर की सेवा करने का मौका मिला। अब उनका जुड़ाव तीर्थोद्धार सभा संरक्षक पद के साथ भगवान शिव में और गहरा हो गया है। भगवान शिव की पूजा करने वाले श्रद्धालु की हर मन्नत पूरी होती है, जो उसके कल्याण के लिए हो।

Read Also : जाने श्री दाऊजी मंदिर का इतिहास Know History Of Shri Dauji Temple

(Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows)
इस मंदिर में सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने वाले भक्त की हर सच्ची मनोकामना पूर्ण होती है। भगवान भोले वैसे भी भोले हैं। भगवान श्रीदुखभंजन महादेव की लीला सबसे न्यारी है। यहां कईं भक्तों के दुख दर्द दूर होते देखे हैं। श्रद्धालु कई बार ऐसे चमत्कार उनके साथ सांझा करते हैं जिनसे उनकी आस्था भगवान शिव में और ज्यादा प्रकाढ़ हो जाती है। यह मंदिर बेहद प्राचीन है।  

Read Also: घर में होगा सुख-समृद्धि का वास Happiness And Prosperity In House

Read Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook

SHARE