Libra Horoscope 23 March 2022 तुला राशिफल 23 मार्च 2022

0
381
Libra Horoscope 23 March 2022

***|| जय श्री राधे ||***

***  महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** ***

दिनाँक-:23/03/2022,बुधवार
षष्ठी, कृष्ण पक्ष
चैत्र
*** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

तुला

Libra Horoscope 23 March 2022: आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। समाज के कामों में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। नौकरी में तबादला तथा पदोन्नति के योग हैं। अनावश्यक क्रोध न करें। धन संबंधी काम पूरे होंगे। आज आपकी पद, प्रतिष्ठा व सम्मान में वृद्धि होगी। दूर व पास की यात्रा स्थगित हो सकती है। आज शाम का समय आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ बिताएंगे, जिससे मन को शांति मिलेगी। समस्याओं का समायोजन समाधान ना मिलने से मन में अशांति का भाव रहेगा। आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए आप कठिन परिश्रम करेंगे।

तिथि———– षष्ठी 26:15:43 तक

पक्ष———————– कृष्ण
नक्षत्र—— अनुराधा 18:51:26
योग———— वज्र 10:18:21
करण———– गर 15:18:44
करण——- वणिज 26:15:43
वार———————- बुधवार
माह————————- चैत्र
चन्द्र राशि —————— वृश्चिक
सूर्य राशि——————- मीन
रितु———————–वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर) ————आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:21:17
सूर्यास्त————– 18:30:37
दिन काल———– 12:09:19
रात्री काल———- 11:49:33
चंद्रास्त————–09:40:31
चंद्रोदय————– 23:57:36

लग्न —– मीन 8°12′ , 338°12′

सूर्य नक्षत्र——– उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र————– अनुराधा
नक्षत्र पाया—————–रजत

*** पद, चरण *** 

नी—- अनुराधा 07:32:22

नू—- अनुराधा 13:11:58

ने—- अनुराधा 18:51:26

नो—- ज्येष्ठा 24:30:49

या—- ज्येष्ठा 30:10:08

*** ग्रह गोचर *** 

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** *** *** *** 
सूर्य=मीन 08:12 ‘उ o भा o , 2 थ
चन्द्र =वृश्चिक 09°23अनुराधा , 2 नी
बुध = कुम्भ 27 ° 07’ पूo भा o ‘ 2 सो
शुक्र=मकर 21°05, श्रवण ‘ 4 खो
मंगल=मकर 17°30 ‘ श्रवण ‘ 3 खे
गुरु=कुम्भ 24°30 ‘ पू o भा o, 2 सो
शनि=मकर 26°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 01°10’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°10 विशाखा , 4 तो

*** मुहूर्त प्रकरण *** 

राहू काल 12:26 – 13:57 अशुभ
यम घंटा 07:52 – 09:24 अशुभ
गुली काल 10:55 – 12:26 अशुभ
अभिजित 12:02 -12:50 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:02 – 12:50 अशुभ

गंड मूल 18:51 – अहोरात्र अशुभ

चोघडिया, दिन
लाभ 06:21 – 07:52 शुभ
अमृत 07:52 – 09:24 शुभ
काल 09:24 – 10:55 अशुभ
शुभ 10:55 – 12:26 शुभ
रोग 12:26 – 13:57 अशुभ
उद्वेग 13:57 – 15:28 अशुभ
चर 15:28 – 16:59 शुभ
लाभ 16:59 – 18:31 शुभ

चोघडिया, रात
उद्वेग 18:31 – 19:59 अशुभ
शुभ 19:59 – 21:28 शुभ
अमृत 21:28 – 22:57 शुभ
चर 22:57 – 24:25* शुभ
रोग 24:25* – 25:54* अशुभ
काल 25:54* – 27:23* अशुभ
लाभ 27:23* – 28:51* शुभ
उद्वेग 28:51* – 30:20* अशुभ

होरा, दिन
बुध 06:21 – 07:22
चन्द्र 07:22 – 08:23
शनि 08:23 – 09:24
गुरु 09:24 – 10:24
मंगल 10:24 – 11:25
सूर्य 11:25 – 12:26
शुक्र 12:26 – 13:27
बुध 13:27 – 14:28
चन्द्र 14:28 – 15:28
शनि 15:28 – 16:29
गुरु 16:29 – 17:30
मंगल 17:30 – 18:31

होरा, रात
सूर्य 18:31 – 19:30
शुक्र 19:30 – 20:29
बुध 20:29 – 21:28
चन्द्र 21:28 – 22:27
शनि 22:27 – 23:26
गुरु 23:26 – 24:25
मंगल 24:25* – 25:25
सूर्य 25:25* – 26:24
शुक्र 26:24* – 27:23
बुध 27:23* – 28:22
चन्द्र 28:22* – 29:21
शनि 29:21* – 30:20

*** उदयलग्न प्रवेशकाल *** 

मीन > 06:06 से 07:37 तक
मेष > 07:37 से 10:20 तक
वृषभ > 10:20 से 12:01 तक
मिथुन > 12:01 से 13:24 तक
कर्क > 13:24 से 15:44 तक
सिंह > 15:44 से 16:49 तक
कन्या > 16:49 से 08:01 तक
तुला > 08:01 से 10:32 तक
वृश्चिक > 10:32 से 01:44 तक
धनु > 01:44 से 02:48 तक
मकर > 02:48 से 04:38 तक
कुम्भ > 04:38 से 06:06 तक

*** विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार *** 

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

***  अग्नि वास ज्ञान *** 
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 6 + 4 + 1 = 26 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

Read Also: रोगों से मुक्ति देती है देवी माँ शीतला माता Goddess Sheetla Mata Gives Freedom From Diseases

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान *** 

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

*** शिव वास एवं फल *** 

21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*** भद्रा वास एवं फल *** 

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 26 :16 से प्रारम्भ

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

*** विशेष जानकारी *** 

* एकनाथ षष्ठी

*सर्वार्थसिद्धि एवं अमृतसिद्धि योग 18 :51 तक

* भगतसिंह ,शुखदेव,राजगुरू शहीद दिवस

*वनचंद जयन्ती

*हेमू कालानी जयंती

* विश्व मौसम दिवस

*** शुभ विचार *** 

एकोदरसमुद् भूता एकनक्षत्रजातकाः ।
न भवन्ति समाः शीला यथा बदरिकण्टकाः ।।
।।चा o नी o।।

अनेक व्यक्ति जो एक ही गर्भ से पैदा हुए है या एक ही नक्षत्र में पैदा हुए है वे एकसे नहीं रहते. उसी प्रकार जैसे बेर के झाड के सभी बेर एक से नहीं रहते|

Read Also : जाने श्री दाऊजी मंदिर का इतिहास Know History Of Shri Dauji Temple

*** सुभाषितानि *** 

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

मम योनिर्महद्ब्रह्म तस्मिन्गर्भं दधाम्यहम्‌ ।,
सम्भवः सर्वभूतानां ततो भवति भारत ॥,

हे अर्जुन! मेरी महत्‌-ब्रह्मरूप मूल-प्रकृति सम्पूर्ण भूतों की योनि है अर्थात गर्भाधान का स्थान है और मैं उस योनि में चेतन समुदायरूप गर्भ को स्थापन करता हूँ।, उस जड़-चेतन के संयोग से सब भूतों की उत्पति होती है॥,3॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो*** 
*** *** *** *** *** *** 
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also: घर में होगा सुख-समृद्धि का वास Happiness And Prosperity In House

Read Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook

SHARE