Libra Horoscope 22 March 2022 तुला राशिफल 22 मार्च 2022

0
372
Libra Horoscope 22 March 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** ***

दिनाँक-: 22/03/2022,मंगलवार
पंचमी, कृष्ण पक्ष
चैत्र
*** *** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

तुला

Libra Horoscope 22 March 2022: आज का दिन आपकी आय में वृद्धि का दिन रहेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न लें। व्यावसायिक चिंता दूर हो सकेगी। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी। यदि आप अपनी संतान के लिए भविष्य के लिए धन का निवेश करने जा रहे हैं, तो आप शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं। आपको व्यवसाय के लिए योजना बनाने से पहले अपने भाइयों से सलाह मशवरा करना बेहतर रहेगा। परिवार में यदि कोई वाद विवाद हो, तो आपको उसमें दोनों पक्षों की सुनने के बाद ही निर्णय लेना होगा। सायंकाल के समय आप अपने जीवनसाथी को शॉपिंग पर लेकर जा सकते हैं, जिसमें आपको अपनी आय को ध्यान में रखकर ही व्यय करना बेहतर रहेगा।

तिथि——— पंचमी 28:21:15 तक

पक्ष———————– कृष्ण
नक्षत्र——-विशाखा 20:12:37
योग———–हर्शण 13:07:45
करण——— बालव 06:23:38
करण———कौलव 17:23:00
करण——— तैतुल 28:21:15
वार——————- मंगलवार
माह————————–चैत्र
चन्द्र राशि ——– तुला14:32:23
चन्द्र राशि ——————- वृश्चिक
सूर्य राशि—————— मीन
रितु———————–शिशिर
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————- प्लव
संवत्सर (उत्तर) ————आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:22:25
सूर्यास्त————– 18:30:05
दिन काल———– 12:07:40
रात्री काल———– 11:51:12
चंद्रास्त————– 08:56:16
चंद्रोदय————– 22:50:06

लग्न—-मीन 7°13′ , 337°13′

सूर्य नक्षत्र——– उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र————– विशाखा
नक्षत्र पाया—————–रजत

*** पद, चरण ***

तू—- विशाखा 08:51:51

ते—- विशाखा 14:32:23

तो—- विशाखा 20:12:37

ना— अनुराधा 25:52:35

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** *** *** *** 
सूर्य=मीन 07:12 ‘उ o भा o , 2 थ
चन्द्र =तुला 25°23, विशाखा , 2 तू
बुध = कुम्भ 26 ° 07’ पूo भा o ‘ 2 सो
शुक्र=मकर 20°05, श्रवण ‘ 4 खो
मंगल=मकर 17°30 ‘ श्रवण ‘ 3 खे
गुरु=कुम्भ 24°30 ‘ पू o भा o, 2 सो
शनि=मकर 26°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 01°10’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°10 विशाखा , 4 तो

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 15:28 – 16:59 अशुभ
यम घंटा 09:24 – 10:55 अशुभ
गुली काल 12:26 – 13:57 अशुभ
अभिजित 12:02 -12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 08:48 – 09:36 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:15 – 24:04* अशुभ

*** चोघडिया, दिन *** 
रोग 06:22 – 07:53 अशुभ
उद्वेग 07:53 – 09:24 अशुभ
चर 09:24 – 10:55 शुभ
लाभ 10:55 – 12:26 शुभ
अमृत 12:26 – 13:57 शुभ
काल 13:57 – 15:28 अशुभ
शुभ 15:28 – 16:59 शुभ
रोग 16:59 – 18:30 अशुभ

*** चोघडिया, रात*** 
काल 18:30 – 19:59 अशुभ
लाभ 19:59 – 21:28 शुभ
उद्वेग 21:28 – 22:57 अशुभ
शुभ 22:57 – 24:26* शुभ
अमृत 24:26* – 25:55* शुभ
चर 25:55* – 27:23* शुभ
रोग 27:23* – 28:52* अशुभ
काल 28:52* – 30:21* अशुभ

होरा, दिन
मंगल 06:22 – 07:23
सूर्य 07:23 – 08:24
शुक्र 08:24 – 09:24
बुध 09:24 – 10:25
चन्द्र 10:25 – 11:26
शनि 11:26 – 12:26
गुरु 12:26 – 13:27
मंगल 13:27 – 14:28
सूर्य 14:28 – 15:28
शुक्र 15:28 – 16:29
बुध 16:29 – 17:29
चन्द्र 17:29 – 18:30

होरा, रात
शनि 18:30 – 19:29
गुरु 19:29 – 20:29
मंगल 20:29 – 21:28
सूर्य 21:28 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:26
बुध 23:26 – 24:26
चन्द्र 24:26* – 25:25
शनि 25:25* – 26:24
गुरु 26:24* – 27:23
मंगल 27:23* – 28:23
सूर्य 28:23* – 29:22
शुक्र 29:22* – 30:21

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

मीन > 06:06 से 07:37 तक
मेष > 07:37 से 10:20 तक
वृषभ > 10:20 से 12:01 तक
मिथुन > 12:01 से 13:24 तक
कर्क > 13:24 से 15:44 तक
सिंह > 15:44 से 16:49 तक
कन्या > 16:49 से 08:01 तक
तुला > 08:01 से 10:32 तक
वृश्चिक > 10:32 से 01:44 तक
धनु > 01:44 से 02:48 तक
मकर > 02:48 से 04:38 तक
कुम्भ > 04:38 से 06:06 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

*** अग्नि वास ज्ञान ***
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 5 + 3 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

***  शिव वास एवं फल ***

20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

*** भद्रा वास एवं फल ***

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

*** विशेष जानकारी ***

* रंग पंचमी उत्सव

* रंगोत्सव ,बिहारी जी श्री राधाबल्लभ जी वृन्दावन

*श्री जयन्ती

*विश्व जल दिवस

शुभ विचार  

तावद्भयेन भेतव्यं यावद् भयमनागतम् ।
आगतं तु भयं वीक्ष्यं प्रहर्तव्यमशंकया ।।
।।चा o नी o।।

यदि आप पर मुसीबत आती नहीं है तो उससे सावधान रहे. लेकिन यदि मुसीबत आ जाती है तो किसी भी तरह उससे छुटकारा पाए.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

इदं ज्ञानमुपाश्रित्य मम साधर्म्यमागताः ।,
सर्गेऽपि नोपजायन्ते प्रलये न व्यथन्ति च ॥,

इस ज्ञान को आश्रय करके अर्थात धारण करके मेरे स्वरूप को प्राप्त हुए पुरुष सृष्टि के आदि में पुनः उत्पन्न नहीं होते और प्रलयकाल में भी व्याकुल नहीं होते॥,2॥,

आपका दिन मंगलमय हो
*** *** *** *** *** *** *** 
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also: रोगों से मुक्ति देती है देवी माँ शीतला माता Goddess Sheetla Mata Gives Freedom From Diseases

Read Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook

SHARE