Capricorn Horoscope 21 March 2022 मकर राशिफल 21 मार्च 2022

0
380
Capricorn Horoscope 21 March 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** ***

दिनाँक-: 21/03/2022,सोमवार
तृतीया, कृष्ण पक्ष
चैत्र
*** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

Capricorn Horoscope 21 March 2022 मकर राशिफल 21 मार्च 2022

मकर

आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहने वाला है। बेरोजगारी दूर होगी। आपका सामाजिक क्षेत्र बढ़ेगा। लाभदायक सौदे होंगे। विपरीत परिस्थितियों का सफलता से सामना कर सकेंगे। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। घर-परिवार की चिंता रहेगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। व्यापार में आपको किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह मशवरा की आवश्यकता होगी। आप अपने भाइयों से भी सलाह मशवरा कर सकते हैं। आपके घर में किसी नए मेहमान का आगमन हो सकता है, जो लोग विवाह योग्य हैं, उनके लिए आज कोई उत्तम अवसर आ सकता है, जिन्हें परिवार के सदस्य द्वारा भी तुरंत मंजूरी दी जा सकती है।

तिथि——– तृतीया 08:19:51 तक
पक्ष———————– कृष्ण
नक्षत्र——— स्वाति 21:29:42
योग——– व्याघात 15:53:05
करण—– विष्टि भद्र 08:19:51
करण———- बव 19:22:45
वार——————– सोमवार
माह————————- चैत्र
चन्द्र राशि—————- तुला
सूर्य राशि—————– मीन
रितु———————–वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर ————————प्लव
संवत्सर (उत्तर)————- आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:23:32
सूर्यास्त————– 18:29:34
दिन काल———– 12:06:01
रात्री काल———– 11:52:51
चंद्रास्त————– 08:17:15
चंद्रोदय————- 21:43:52

लग्न—–मीन 6°13′ , 336°13′

सूर्य नक्षत्र——– उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र————— स्वाति
नक्षत्र पाया—————-रजत

*** पद, चरण ***

रे—- स्वाति 10:05:40

रो—- स्वाति 15:47:57

ता—- स्वाति 21:29:42

ती—- विशाखा 27:10:59

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मीन 06:12 ‘उ o भा o , 1 दू
चन्द्र =तुला 11°23, स्वाति , 2 रे
बुध = कुम्भ 24 ° 07’ पूo भा o ‘ 2 सो
शुक्र=मकर 19°05, श्रवण ‘ 3 खे
मंगल=मकर 16°30 ‘ श्रवण ‘ 2 खू
गुरु=कुम्भ 24°30 ‘ पू o भा o, 2 सो
शनि=मकर 25°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 01°10’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°10 विशाखा , 4 तो

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 07:54 – 09:25 अशुभ
यम घंटा 10:56 – 12:27 अशुभ
गुली काल 13:57 – 15:28 अशुभ
अभिजित 12:02 -12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 12:51 – 13:39 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:16 – 16:04 अशुभ

*** चोघडिया, दिन *** 
अमृत 06:24 – 07:54 शुभ
काल 07:54 – 09:25 अशुभ
शुभ 09:25 – 10:56 शुभ
रोग 10:56 – 12:27 अशुभ
उद्वेग 12:27 – 13:57 अशुभ
चर 13:57 – 15:28 शुभ
लाभ 15:28 – 16:59 शुभ
अमृत 16:59 – 18:30 शुभ

*** चोघडिया, रात *** 
चर 18:30 – 19:59 शुभ
रोग 19:59 – 21:28 अशुभ
काल 21:28 – 22:57 अशुभ
लाभ 22:57 – 24:26* शुभ
उद्वेग 24:26* – 25:55* अशुभ
शुभ 25:55* – 27:24* शुभ
अमृत 27:24* – 28:53* शुभ
चर 28:53* – 30:22* शुभ

*** होरा, दिन *** 
चन्द्र 06:24 – 07:24
शनि 07:24 – 08:25
गुरु 08:25 – 09:25
मंगल 09:25 – 10:26
सूर्य 10:26 – 11:26
शुक्र 11:26 – 12:27
बुध 12:27 – 13:27
चन्द्र 13:27 – 14:28
शनि 14:28 – 15:28
गुरु 15:28 – 16:29
मंगल 16:29 – 17:29
सूर्य 17:29 – 18:30

*** होरा, रात *** 
शुक्र 18:30 – 19:29
बुध 19:29 – 20:28
चन्द्र 20:28 – 21:28
शनि 21:28 – 22:27
गुरु 22:27 – 23:27
मंगल 23:27 – 24:26
सूर्य 24:26* – 25:25
शुक्र 25:25* – 26:25
बुध 26:25* – 27:24
चन्द्र 27:24* – 28:24
शनि 28:24* – 29:23
गुरु 29:23* – 30:22

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

मीन > 06:10 से 07:41 तक
मेष > 07:41 से 10:24 तक
वृषभ > 10:24 से 12:05 तक
मिथुन > 12:05 से 13:29 तक
कर्क > 13:29 से 15:49 तक
सिंह > 15:49 से 16:53 तक
कन्या > 16:53 से 08:05 तक
तुला > 08:05 से 10:36 तक
वृश्चिक > 10:36 से 01:48 तक
धनु > 01:48 से 02:52 तक
मकर > 02:52 से 04:42 तक
कुम्भ > 04:42 से 06:10 तक

Read Also : मां मंदिर में धागा बांधने से होती है मनोकामना पूर्ण Thread In Maa Temple

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*  नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

  • दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
    परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
    इस मंत्र का उच्चारण करें-:
    शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
    भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
  • अग्नि वास ज्ञान -:
    यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
    चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
    दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
    नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
    नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 3 + 2 + 1 = 21 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

Read Also : भगवान शंकर की अश्रु धारा से बना सरोवर Jalandhar Shri Devi Talab Mandir

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

*** शिव वास एवं फल ***

18 + 18 + 5 = 41 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक ,दुःख कारक

*** भद्रा वास एवं फल ***

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

प्रातः 08:19 तक समाप्त

पाताल लोक =धनलाभ कारक

*** विशेष जानकारी ***

* चतुर्थी व्रत चंद्रोदय रात्रि 21:46

* चतुर्थी क्षय

* शीतला पूजन

* विश्ववानकी दिवस

* विश्व सैन्य दिवस

* शिवाजी जयन्ती (तिथि अनुसार)

*** शुभ विचार ***

यथा चतुर्भिः कनकं पराक्ष्यते
निघर्षणं छेदनतापताडनैः ।
तथा चतुर्भिः पुरुषः परीक्ष्य़ते
त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा ।।
।।चा o नी o।।

सोने की परख उसे घिस कर, काट कर, गरम कर के और पीट कर की जाती है. उसी तरह व्यक्ति का परीक्षण वह कितना त्याग करता है, उसका आचरण कैसा है, उसमे गुण कौनसे है और उसका व्यवहार कैसा है इससे होता है.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

परं भूयः प्रवक्ष्यामि ज्ञानानं मानमुत्तमम्‌ ।,
यज्ज्ञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिमितो गताः ॥,

श्री भगवान बोले- ज्ञानों में भी अतिउत्तम उस परम ज्ञान को मैं फिर कहूँगा, जिसको जानकर सब मुनिजन इस संसार से मुक्त होकर परम सिद्धि को प्राप्त हो गए हैं॥,1॥,

?आपका दिन मंगलमय हो?
*** *** *** *** ***
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also: 250 वर्ष पुराना है माँ देवी मंदिर 250 Years Old Maa Devi Temple

Also Read: जानिए शुक्रवार व्रत की महिमा, माता वैभव लक्ष्मी व संतोषी माता के व्रत करने से होगी हर मनोकामना पूरी

Connect With Us : Twitter Facebook

SHARE