कैथल: घर में बधाई मांगने आने वाले किन्नरों को 1100 रुपये ही देगा पंजाबी समाज

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मनोज वर्मा, कैथल:
कैथल में लगातार बढ़ते हुए किन्नर विवाद को देखते हुए पंजाबी समाज की विभिन्न संस्थाओं के मौजिज पदाधिकारियों की बैठक पंजाबी सेवा सदन में आयोजित की गई। इस बैठक में सर्वसम्मति से पंजाबी समाज के सभी संस्थाओं ने फैसला लिया है कि घर में बधाई लेने आने वाले किन्नरों को खुशी के अवसर पर केवल 1100 रुपये तक ही राशि दी जाएगी । बैठक की अध्यक्षता सेवा संघ के प्रधान एवं प्रमुख समाजसेवी शिव शंकर पाहवा ने की।
बैठक में पंजाबी वेलफेयर सभा के प्रधान राजकुमार मुखीजा, इंद्रजीत सरदाना, नरेंद्र निझावन, सुषम कपूर, डा. पवन थरेजा, पंजाबी विकास सभा के प्रधान संजीव थरेजा, सिरायकी संस्था के प्रधान महेंद्र धमीजा सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। शिव शंकर पाहवा ने बताया कि पंजाबी समाज के पास लगातार शिकायतें आ रही थी, कि घरों में बधाई लेने जा रहे किन्नर खुशी वाले परिवार से बधाई स्वरूप मांगी गई पूरी राशि नहीं मिलने पर दुर्व्यवहार करते हैं और नग्न हो जाते हैं। जिससे समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में किन्नरों को बधाई देने का सिलसिला जब शुरू हुआ था तो यह एक प्रथा के रूप में प्रचलन में आई थी। ताकि किन्नर जिसके घर बेटे का जन्म होता है या बेटे की शादी होती है, उस परिवार को दुआ देकर जाते थे।
परिवार खुशी से सरोबार रहे। लेकिन आज के समय में समाज में यह कुप्रथा बन चुकी है । उन्होंने कहा कि आज कैथल जिला ही नहीं पूरे हरियाणा में इस तरह के विवाद सामने आ रहे हैं कि कुछ लोग कमाई के लालच में लिंग परिवर्तन करवा रहे हैं।े जो समाज के लिए भी शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाबी समाज के लोगों का मकसद असली नकली किन्नर की पहचान करना नहीं है। यह कार्य प्रशासन का है। परंतु किन्नर द्वारा मांगी गई बधाई अब ब्लैक मेलिंग का साधन बन चुकी है । उन्होंने आरोप लगाया कि आज किन्नर जिसके घर में बधाई मांगने जाते हैं, वहां मनमानि राशि वसूलने के लिए अड़ जाते हैं।
यह भी नहीं देखा जाता कि वह परिवार किस अवस्था में हैं। उन्होंने कहा कि किन्नरों द्वारा 51 हजार, 31,000, 21000 एवं 11,000 रुपये की राशि बधाई के तौर पर मांगी जाती है। परंतु वह परिवार उक्त राशि देने लायक होता है या नहीं। यह स्थिति किन्नरों द्वारा नहीं देखी जाती। ऐसे में आज समस्त पंजाबी समाज द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि, पंजाबी समाज के किसी भी परिवार में बेटे की शादी हो या बेटा का जन्म हो, उस परिवार द्वारा घर पर बधाई लेने आने वाले किन्नरों को केवल 1100 रुपए ही दिए जाएंगे । अगर उक्त राशि में किन्नर संतुष्ट नहीं होते हैं और परिवार के घर में विवाद खड़ा करते हैं तो उसके लिए पंजाबी समाज की संस्थाओं द्वारा 11 सदस्य कमेटी बनाई गई है। जो खुशी वाले परिवार के घर पर जाएगी और स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करेगी । अगर 11 सदस्य कमेटी को पुलिस की मदद की आवश्यकता हो तो डायल 112 पर कॉल कर मौके पर पुलिस भी बुलाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि पंजाबी समाज ने निर्णय ले लिया है, अब यह निर्णय अटल है और पूरा समाज इस फैसले को मानने के लिए तैयार है। इसका पालन भी अच्छे से किया जाएगा। इसके अलावा समस्त पंजाबी समाज ने एक फैसला और लिया है। जब भी दिवाली या कोई अन्य त्योहार पर किन्नर दुकानों पर जाते है,ं तो दुकानदारों द्वारा बधाई के तौर पर केवल 100 रुपये  ही दिए जाएंगे। पंजाबी समाज के इस फैसले को जहां काफी सराहना भी हो रही है, वहीं समाज के लोग इस फैसले को मानने के लिए तैयार हैं। पंजाबी समाज के इन लोगों ने अन्य समाज के लोगों से भी आह्वान की है कि वह भी इस तरह के फैसले कर समाज हित में काम करें ।

बैठक में पंजाबी वेलफेयर सभा, सेवा संघ, पंजाबी सेवा सदन, सिरायकी परिवार, वरिष्ठ नागरिक समिति, सिद्धपीठ शिव वाटिका, प्रताप कल्याण भूमि, पंजाबी विकास सभा, गीता भवन, श्रीराम कुटिया के पदाधिकारियों ने भाग लिया । इस अवसर पर इंद्रजीत सरदाना,  प्रदर्शन परुथी, सतीश राजपाल, कृष्ण नारंग, सुभाष नारंग, लक्षित आहूजा, संजीव थरेजा, पवन कुमार भारती, संजीव कालरा, महेश धमीजा, बिशम्भर अरोड़ा, कृष्ण लाल, अरविंद चावला, हरीश तागरा, पुनीत मल्होत्रा, संदीप मलिक, अशौक आर्य, मनोज कुर्रा, यश तनेजा, नरेश कालरा, कमल  परुथी, चन्द्र शेखर नरूला मौजूद थे।

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