Punjab-Haryana High Court Verdict: कुत्ते के काटने पर 1 दांत के निशान का मुआवजा 10 हजार

0
144
Punjab-Haryana High Court Verdict
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ।

Aaj Samaj (आज समाज), Punjab-Haryana High Court Verdict, चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अवारा जानवरों से संबंधित घटनाओं पर बड़ा फैसला सुनाया है। इसके अनुसार कुत्ते के काटने पर वित्तीय मुआवजे की न्यूनतम राशि 10,000 रुपए प्रति दांत का निशान होगी। जहां त्वचा से मांस खींच गया होगा, वहां प्रति 0.2 सेमी घाव पर न्यूनतम 20,000 रुपए मुआवजा देना होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक हाई कोर्ट ने 193 याचिकाओं का निपटारा करते हुए पंजाब व हरियाणा राज्य और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को इस तरह के मुआवजे का निर्धारण करने के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्तों की अध्यक्षता में समितियां गठित करने आदेश दिया है।

  • मांस खींचने पर प्रति 0.2 सेमी घाव पर न्यूनतम 20,000 रुपए

दावा दायर किए जाने के 4 महीने में मुआवजे की घोषणा

न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने कहा, आवश्यक दस्तावेजों के साथ दावा दायर किए जाने के 4 महीने की अवधि में समितियों द्वारा मुआवजे की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा, राज्य मुख्य रूप से मुआवजे का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगा और उसे राज्य की दोषी एजेंसियों/सहायकों या निजी व्यक्ति, यदि कोई हो, उससे इसकी वसूली करने का अधिकार होगा।

न्यायमूर्ति भारद्वाज की पीठ ने निर्देश दिया कि फैसले की प्रतियां आवश्यक व त्वरित कार्रवाई और अनुपालन के लिए प्रमुख सचिव (गृह) के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशकों के कार्यालयों को भेजी जाएं। हाई कोर्ट उन घटनाओं और दुर्घटनाओं के लिए पीड़ितों अथवा उनके परिवार के सदस्यों को मुआवजे के भुगतान से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जो आवारा या जंगली जानवरों के वाहन के सामने अचानक आने से हुई चोटों या मृत्यु के कारण हुई थीं।

न्यायमूर्ति भारद्वाज ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मौतों की बढ़ती संख्या और सड़कों पर आवारा जानवरों की चिंताजनक दर -जो प्रभाव मूल्यांकन और बुनियादी ढांचे के निर्माण के बिना राज्य नीति कार्यान्वयन का प्रत्यक्ष परिणाम है – ने मानव जीवन पर असर डालना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि ये मामले पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों, नगरपालिका सड़कों व सड़कों के साथ-साथ नगरपालिका सीमा के बाहर की सड़कों तथा सड़कों पर हुई घटनाओं से संबंधित हैं।

यह भी पढ़ें :

Connect With Us: Twitter Facebook

SHARE