जमीनी स्तर के नेताओं से लेकर टकसाली भाजपाई काफी असहज महसूस कर रहे थे
Punjab BJP News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब में अपना कुनबा बढ़ाने और सत्ता पाने के लिए भाजपा तेजी से तैयारी कर रही है। इसी के चलते पिछले दिनों भाजपा हाईकमान ने अश्विनी शर्मा को पंजाब भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष पद सौंप दिया। ज्ञात रहे कि पठानकोट से विधायक अश्विनी शर्मा तीसरी बार भाजपा अध्यक्ष बने हैं। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की ताजपोशी से प्रदेश की राजनीति में नया बदलाव आने की आहट सुनाई देने लगी है। पार्टी में पिछले कुछ माह से जमीनी स्तर के नेताओं से लेकर टकसाली भाजपाई काफी असहज महसूस कर रहे थे।
पार्टी प्रधान सुनील जाखड़ बना चुके थे दूरी
पार्टी के प्रधान सुनील जाखड़ अपने पद से त्यागपत्र दे चुके थे और प्रदेश भाजपा के सदस्यता अभियान से लेकर तमाम मीटिंगों से दूरी बनाकर चल रहे थे। पार्टी की महिला मोर्चा से लेकर युवा मोर्चा की सक्रियता व उपस्थिति काफी कम हो चुकी थी। अश्वनी शर्मा को जिम्मेदारी मिलने से टकसाली भाजपाई खुश हैं। अश्वनी शर्मा की निकटता पंजाब के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया के साथ काफी है। लिहाजा कालिया गुट का दबदबा पंजाब भाजपा की राजनीति में दोबारा बढ़ सकता है।
2010 में पहली बार बने थे अध्यक्ष
Ñसाल 2010 में जब प्रो. राजिंदर भंडारी के स्थान पर नए भाजपा प्रधान की खोज चल रही थी तो सबसे अधिक रेस अश्वनी शर्मा व कमल शर्मा के बीच चल रही थी। कालिया का सिक्का तब दिल्ली तक खूब चलता था। कालिया ने अश्वनी शर्मा को प्रदेश प्रधान बनाकर न केवल अश्वनी शर्मा का कद ऊंचा करवाया बल्कि पठानकोट से तत्कालीन मंत्री मास्टर मोहन लाल व होशियारपुर से तीक्षण सूद व कमल शर्मा की टीम को किनारे लगा दिया था। तब से अश्वनी शर्मा व कालिया के बीच खासा तालमेल बना हुआ है।
बिना प्रधान के चल रही थी भाजपा
पार्टी बिना प्रधान के चल रही थी। बूथ स्तर तक की कमेटियों के कार्यकतार्ओं का मनोबल गिरता जा रहा था। इसलिए पार्टी का कार्यकारी प्रधान लगाना जरूरी हो गया था। अश्वनी शर्मा तीसरी बार प्रधान की कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं। उनकी जमीनी स्तर पर खासी पकड़ है। महिला मोर्चा की प्रधान से लेकर युवा मोर्चा के अध्यक्ष तक में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है। पार्टी का एससी मोर्चा भी कमजोर हो चुका है।
ये भी पढ़ें : Chandigarh Breaking News : कांग्रेस और भाजपा रच रहे आप के खिलाफ साजिश : चीमा