There are no hospitals, there are places of robbery, sir…:अस्पताल नहीं, लूट के अड्डे हैं साहब…

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कोरोना की दूसरी लहर जब अपने चरम पर थी तो उस समय सूबे के कई प्राइवेट अस्पताल लूट के अड्डे बने हुए थे। परिवारीजन अपने मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में इसलिए भर्ती करा रहे थे कि इलाज अच्छा होगा और उनके अपने स्वस्थ होकर घर आ जाएंगे किन्तु अस्पताल में मरीजों की लगातार हो रही मौतों से आम जनमानस इस महामारी से भयभीत होता जा रहा था। संक्रमण के इस काल में पैसा, पद और प्रतिष्ठा सब व्यर्थ नजर आ रही थी। लेकिन इसी दौरान धरती के भगवान कहे  जाने वाले कई चिकित्सक अपने निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को लूट रहे थे। लूट का ऐसा खेल चल रहा था जिसे देख और सुनकर इंसानियत भी शर्मसार हो रही थी।

औरैया जिले के दिबियापुर में स्थित कृष्णा मेडिकल सेंटर अस्पताल में कोरोना काल में इलाज में घोर लापरवाही बरतने और मरीजों से लाखों रुपये लूटने की शिकायत लगातार आती रहीं। कानपुर देहात के जगनपुर गांव निवासी शालू पांडेय ने अपनी 55 वर्षीय माँ पुष्पा पांडेय को 5 मई 2021 को अच्छे इलाज की आस लेकर अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में निदेशक डॉ बृजेश यादव ने मरीज से करीब 5 लाख रुपये वसूले लेकिन 23 मई को मरीज की मौत हो गई। डॉ बृजेश यादव ने परिजनों को मरीज की मौत की सूचना दी और लाश देने से पहले 2 लाख रुपयों की मांग की। मृतक के परिवारीजन काफी गिड़गिड़ाए किन्तु डॉ बृजेश यादव का दिल नहीं पसीजा। भीषण गर्मी में लाश की दुर्दशा होते देख परिवारीजनों ने शासन को शिकायत भेज दी। शासन से शिकायत होने पर जिला प्रशासन के अधिकारी हरकत में आये। उसके बाद परिवारी जनों को लाश दी गई।  फिलहाल शासन के निर्देश पर एक कमेटी के द्वारा मामले की जांच की जा रही है। जांच कमेटी में शामिल एसडीएम सदर रमेश यादव का कहना है कि ओवरबिलिंग की जांच की जा रही है। जल्द ही शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

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