वीर बाल दिवस’ हमें याद दिलाएगा कि देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है : मोदी

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PM Modi on Veer Bal Diwas

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली (PM Modi on Veer Bal Diwas) : श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया गया। इस उपलक्ष्य में दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी ने कहा कि मुझे यह गर्व है कि हमारी सरकार के शासनकाल में साहिबजादों के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि ‘वीर बाल दिवस’ निस्संदेह भावनाओं से जुड़े हुए हैं, लेकिन ये निश्चित रूप से अंतहीन प्रेरणा लेकर चलते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ‘वीर बाल दिवस’ हमें याद दिलाएगा कि देश में गुरुओं का योगदान क्या है, देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है! ‘वीर बाल दिवस’ हमें बताएगा कि- भारत क्या है, भारत की पहचान क्या है!

Prime Minister Narender Modi ने सिख गुरुओं के धर्म, देश की रक्षा के लिए किए गए बलिदान को याद करते हुए कहा कि देश और धर्म की रक्षा के लिए सिख गुरु साहिबान ने न केवल खुद का बलिदान दिया बल्कि अपने परिवारों को भी कुर्बान कर दिया।

वीर बाल दिवस हमें बहुत कुछ याद दिलाएगा

पीएम ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि दस गुरुओं का योगदान क्या है, देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है। वीर बाल दिवस हमें बताएगा कि- भारत क्या है, भारत की पहचान क्या है। इस अवसर पर पीएम ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसे बहुत सारे पराक्रमी योद्धे हुए हैं जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। इनमें से एक नाम है सिख गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जिन्होंने अपना सारा परिवार देश और धर्म की रक्षा करते हुए कुर्बान कर दिया।

मुगल शासकों को मासूम बच्चों से क्या खतरा था (PM Modi on Veer Bal Diwas)

इस अवसर पर पीएम ने कहा कि मुगल सल्तनत ने भारतीय जनता पर जो जुल्म किए छोटे साहिबजादों और माता गुजरी की शहादत उसका ही एक हिस्सा है। मोदी ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी मुगल शासक औरंगजेब के जुल्म से लोगों को बचाने के लिए जंग लड़ रहे थे। मुगल शासन को सात व पांच साल के साहिबजादों या फिर बुजुर्ग माता से क्या खतरा था कि मासूम बच्चों को जिंदा ही दिवारों में चिनवा दिया गया।

हमें धार्मिक कट्टरता त्यागने की जरूरत

इस अवसर पर पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि अतीत में बहुत कुछ हुआ है। वर्तमान अतीत से सबक लेता है। हमें चाहिए कि आज धार्मिक कट्टरता को त्यागते हुए देश को विकास की तरफ लेकर चलें। हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और देश के विकास के लिए प्रयास करने चाहिए।

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